कचरे का ढेर (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur News: नागपुर में जनता की शिकायतों का निवारण करने के लिए भले ही महानगरपालिका ने नई तकनीक को अपनाते हुए हाई-टेक प्रणाली लागू कर दी हो लेकिन अधिकारियों में इच्छाशक्ति की कमी के चलते हाई-टेक प्रणाली भी विफल साबित होती दिखाई दे रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विगत 4 माह में मनपा को विभिन्न विभागों की कुल 56,371 शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जबकि इनमें से केवल 43,821 शिकायतों का ही निवारण हो पाया है।
यहां तक कि जिन शिकायतों का निवारण होने का दावा हो रहा है उनमें भी कई ऐसी शिकायतें हैं जिनका निवारण तो नहीं हो पाया किंतु मनपा के एप पर समस्या हल होने की जानकारी प्रस्तुत की गई है। अधिकारियों की लापरवाह कार्यप्रणाली के चलते सिटी की जनता को बेवजह परेशानी झेलनी पड़ रही है। जानकारों की मानें तो वर्तमान में मनपा में प्रशासक राज है।
प्रशासक की ओर से अधिकारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं किंतु इनका कितना पालन हो रहा है इसका वास्तविक आकलन नहीं हो रहा है। आश्चर्यजनक यह है कि जिन अधिकारियों पर जिम्मेदारी है, वे ही शिकायतों का निवारण किए बिना समस्या हल होने पर मुहर लगा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से स्वच्छता रैंकिंग की घोषणा की गई जिसमें मनपा को 27वें स्थान पर रखा गया था। यहां तक कि कचरा संकलन में मनपा को केवल 30 प्रतिशत ही अंक हासिल हुए थे। कचरा संकलन निजी कंपनियों द्वारा किए जाने के बावजूद रैंकिंग को लेकर प्रशासन द्वारा हल्ला मचाया गया, जबकि अधिकारियों की ओर से उन्हें दिए गए कामों को सटीक तरीके से अंजाम नहीं दिया जा रहा है।
बहरहाल केंद्र सरकार के पास आपत्ति दर्ज करने के बाद कुछ रैंकिंग में तो सुधार आया है किंतु धरातल पर अभी भी सफाई को लेकर ही सर्वाधिक शिकायतें प्राप्त हो रही है, जबकि दूसरे नंबर पर सिटी में गड्ढों को लेकर जनता परेशानी उजागर कर रही है।
बताया जाता है कि सफाई और गड्ढों के बाद सर्वाधिक शिकायतें उद्यान विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर हैं। इसमें कुल 3,920 शिकायतें की गईं। जबकि इसके बाद अतिक्रमण विभाग का नंबर है जिसमें 2,894 शिकायतें हैं। उद्यान विभाग की लापरवाही का आलम यह है कि 4-5 माह पूर्व आसीनगर जोन अंतर्गत आने वाले ललित कला भवन केंद्र में ग्रीन जिम की दुरुस्ती को लेकर शिकायत की गई जिसमें पहले उद्यान विभाग ने यह समस्या हल होने की जानकारी एप पर चिन्हांकित की, जबकि समस्या हल नहीं हुई थी।
इस संदर्भ में पुन: शिकायत करने के बाद समस्या हल करने का आश्वासन तो दिया गया किंतु अब तक यह समस्या हल नहीं हो पाई है। आलम यह है कि शिकायत की जानकारी स्वयं उद्यान विभाग के अधीक्षक अमोल चौरपगार के पास दर्ज कराई गई।
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मनपा ने शिकायतों के समाधान पर नागरिकों से प्रतिक्रिया भी मांगी है। नागरिकों ने शिकायतों के समाधान पर असंतोष व्यक्त किया है। निपटाई गईं सभी शिकायतों में से केवल 202 को 10-स्टार रेटिंग मिली, जबकि 81 शिकायतों को केवल एक-स्टार रेटिंग दी गई। यह नागरिकों की हताशा को दर्शाता है।
एक अधिकारी ने बताया कि सड़क पुनर्निर्माण और सीवेज लाइन मरम्मत से संबंधित 444 शिकायतों का समाधान धन की कमी के कारण नहीं हो पा रहा है। यह भी उजागर हुआ है कि लोक निर्माण, उद्यान, अतिक्रमण और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभागों में समन्वय की कमी है।
विभाग | शिकायतें | समाधान | लंबित |
---|---|---|---|
स्वच्छता | 21,183 | 17,354 | 3,829 |
पीडब्ल्यूडी | 7,178 | 4,688 | 2,490 |
सेनिटेशन | 6,443 | 5,123 | 1,320 |
बिजली | 5,363 | 4,619 | 744 |
जलापूर्ति | 3,386 | 2,691 | 695 |
पार्क | 3,920 | 2,405 | 1,515 |
अतिक्रमण | 2,894 | 1,904 | 990 |
मलेरिया | 2,431 | 2,210 | 221 |
संपत्ति कर | 1,302 | 1,142 | 160 |
पशु पालन | 584 | 490 | 94 |
पर्यावरण | 382 | 329 | 53 |
डीपीडीसी | 141 | 158 | 83 |
शिक्षा | 42 | 33 | 9 |
अग्निशमन | 97 | 76 | 21 |
जीएडी | 13 | 10 | 3 |
चिकित्सा | 183 | 141 | 42 |
हॉटमिक्स | 65 | 36 | 29 |
लाइब्रेरी | 23 | 18 | 5 |
बाजार | 28 | 12 | 16 |
स्लम | 35 | 20 | 5 |
परिवहन | 74 | 57 | 17 |
आईटी | 70 | 48 | 22 |