जल्द सेवा देगा 'मेट्रोपोलिटन सर्वेलन्स यूनिट। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: एंथ्रेक्स से लेकर ब्रूसेलोसिस तक की बीमारियों का सर्वेक्षण करने, संक्रामक रोगों के प्रकोप पर अलर्ट और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करने तथा महामारी के खिलाफ तत्काल उपाययोजना करने के लिए एक सुसज्जित प्रयोगशाला, मेट्रोपॉलिटन सर्वेलन्स यूनिट (एमएसयू) स्थापित की जा रही है। जल्द ही यह यूनिट सेवा में होगी।
शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय अंतर्गत स्वास्थ्य सेवा महासंचालक (डीजीएचएस) डॉ. अतुल गोयल ने इस यूनिट के इमारत के निर्माण कार्य का निरीक्षण किया।
स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा महाराष्ट्र राज्य के लिए राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र एवं मेट्रोपोलिटन सर्वेलन्स यूनिट को नागपुर महानगरपालिका में स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
के.टी. नगर में मनपा के स्वास्थ्य केंद्र से सटी छह मंजिला पुराने कोविड सेंटर में यह प्रयोगशाला शुरू होगी। डॉ. गोयल इस दौरान ‘एमएसयू’ के काम की समीक्षा की। उन्होंने जांच सेंटर को इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर स्थापित करने के निर्देश दिए। साथ ही विभिन्न तकनीकी मामलों को लेकर सुझाव भी रखे। इस दौरान ‘एचपीओ’ नागपुर तथा राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ. आराधना भार्गव, अतिरिक्त वैद्यकीय स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नरेंद्र बहिरवार, उपअभियंता देवचंद काकड़े उपस्थित थे।
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बता दें कि कोविड-19 महामारी से सीख लेते हुए, केंद्र सरकार ने पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के तहत 20 शहरों में एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम की तर्ज पर एमएसयू स्थापित करने की परियोजना शुरू की है। इसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में बीमारी फैलने की संभावना को कम करना है। एमएसयू इन शहरों में रोग निगरानी केंद्र के रूप में कार्य करेंगे और सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों से प्रकोप-ग्रस्त बीमारियों पर निगरानी डेटा की वास्तविक समय रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करेंगे।
उनके कार्यों में स्वास्थ्य संबंधी घटनाओं पर अलर्ट तैयार करना और सत्यापित करना तथा जल-, खाद्य-, वेक्टर-जनित और जूनोटिक रोगों के लिए नमूनों के संग्रह और विश्लेषण में सहायता करना शामिल है। वे नागरिक निकायों और स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और पशुपालन विभागों जैसे हितधारकों द्वारा प्रतिक्रिया की योजना और समन्वय को भी सुविधाजनक बनाएंगे और रोग के प्रकोप का जवाब देने के लिए शहरों की क्षमता का निर्माण करेंगे।