नागपुर रेलवे स्टेशन (सोर्स: सोशल मीडिया)
Nagpur-Itarsi Fourth Railway Line Project: रेल मंत्रालय ने देश के सबसे व्यस्त रेल गलियारों में से एक इटारसी से नागपुर के बीच चौथी रेल लाइन के निर्माण को मंजूरी दी है। यह परियोजना 297 किलोमीटर लंबी होगी और इसकी अनुमानित लागत 5,451 करोड़ बताई गई है। यह रेल मार्ग दिल्ली–चेन्नई हाई डेंसिटी नेटवर्क का हिस्सा होगा और नागपुर में मुंबई–हावड़ा हाई डेंसिटी नेटवर्क से भी जुड़ेगा। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य रेलवे की क्षमता बढ़ाना, यात्री और मालगाड़ियों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करना तथा देश की लॉजिस्टिक संरचना को और मजबूत बनाना है।
इस परियोजना से मुख्य रूप से 2 राज्यों को सीधा लाभ मिलेगा। इनमें महाराष्ट्र का नागपुर जिला, मध्य प्रदेश का नर्मदापुरम (होशंगाबाद), बैतूल और पांढुरना शामिल है। उल्लेखनीय है कि ये सभी इलाके औद्योगिक और कृषि दोनों दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। रेल लाइन का विस्तार इन क्षेत्रों के आर्थिक विकास को रफ्तार देगा।
इस चौथी रेल लाइन का एक और बड़ा लाभ धार्मिक पर्यटन को मिलेगा। यह मार्ग मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को इटारसी के माध्यम से जोड़ने में सक्षम होगा। साथ ही यह दक्षिण की ओर बढ़ते हुए श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश) और रामेश्वरम (तमिलनाडु) जैसे तीर्थ स्थलों तक भी यात्रियों को आसानी से पहुंचा सकेगा। यह धार्मिक आस्थावानों के लिए यात्रा को अधिक सरल, सुरक्षित और तेज बनाएगा।
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इटारसी–नागपुर चौथी रेल लाइन परियोजना न केवल रेलवे की वर्तमान चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करती है बल्कि भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर एक मजबूत और टिकाऊ आधार भी तैयार करती है। इससे यात्री सुविधा, औद्योगिक विकास, धार्मिक पर्यटन और आर्थिक समृद्धि को एक साथ बढ़ावा मिलेगा। यह परियोजना देश के गति शक्ति विजन की दिशा में एक ठोस और निर्णायक कदम है जो भारत को तेज सुरक्षित और प्रभावी रेल नेटवर्क की ओर अग्रसर करेगा।