आईआईएम के 2 मेगावाट सौर परियोजना का शिलान्यास। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) नागपुर में सौर ऊर्जा परियोजना संस्थान की ऊर्जा उत्पादन आवश्यकताओं को पूरा करेगी और संस्थान को उसके ‘नेट जीरो’ लक्ष्य की ओर ले जाएगी। नेट ज़ीरो का मतलब कार्बन उत्सर्जन को कम करना और वायुमंडल से उतनी ही मात्रा में कार्बन निकालना होता है। उन्होंने यह भी कहा कि 2030 तक राज्य में कुल ऊर्जा उत्पादन का 52 प्रतिशत गैर-परंपरागत स्रोतों से उत्पन्न करने का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने यहां मिहान क्षेत्र में स्थित आईआईएम में 2 मेगावाट की सौर परियोजना का उद्घाटन और शिलान्यास किया। वे इस अवसर पर बोल रहे थे। कृषि राज्य मंत्री एड. आशीष जायसवाल, विधायक डॉ. आशीष देशमुख, राज्य सरकार की बिजली ट्रांसमिशन कंपनी के प्रबंध निदेशक डॉ. संजीव कुमार, आईआईएम के निदेशक डॉ. भीमराय मैत्री आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए ऊर्जा परिवर्तन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके माध्यम से देश में पर्यावरण अनुकूल और प्राकृतिक स्रोतों से ऊर्जा उत्पादन का कार्य चल रहा है। आईआईएम नागपुर ने भी इस संबंध में एक कदम आगे बढ़ाते हुए सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने का निर्णय लिया है।
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जबकि इस परियोजना की आधारशिला रखी जा रही है, नेट जीरो, अर्थात अपनी स्वयं की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में कदम शुरू हो चुके हैं, जिसमें गैर-परंपरागत ऊर्जा उत्पादन भी शामिल है। इसका उद्देश्य न्यूनतम या शून्य कार्बन उत्सर्जन करना भी है।
राज्य सरकार ने ऊर्जा परिवर्तन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भी प्रयास शुरू कर दिए हैं। राज्य सरकार गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों से ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि राज्य का 2030 तक अपनी ऊर्जा का 52 प्रतिशत गैर-परंपरागत स्रोतों से उत्पन्न करने का लक्ष्य पूरा हो जाएगा।
आईआईएम परिसर में गोल्फ अकादमी की आधारशिला का अनावरण मुख्यमंत्री फडणवीस ने किया। कृषि राज्य मंत्री एड. आशीष जायसवाल, विधायक डॉ. आशीष देशमुख, आईआईएम निदेशक डॉ. भीमराय मैत्री और अन्य उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोल्फ अकादमी ने इस संस्थान के परिसर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बना दिया है।