अतिक्रमण के चपेट में सरकारी दफ्तर। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: उपराजधानी नागपुर के बाजार क्षेत्र, फुटपाथ ही नहीं बल्कि सिविल लाइन्स स्थित सारे सरकारी दफ्तर परिसर भी अतिक्रमण की चपेट में हैं। नियमित कार्रवाई नहीं होने के चलते अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं। विभागीय आयुक्त कार्यालय परिसर हो या फिर जिलाधिकारी व तहसील कार्यालय, पंचायत समिति का कार्यालय हो या फिर आयकर भवन, सभी सरकारी दफ्तरों के सामने चाय-पान व नाश्ते के ठेले, गुमटियां बड़ी संख्या में कब्जा जमाते हैं।
कुछ ऐसे कार्यालय भी हैं जिनकी बाउंड्रीवाल के भीतर भी चाय-पान, खर्रा, सिगरेट, नाश्ते के ठेले बेखौफ लगते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि जिन विभागों व अधिकारियों के जिम्मे अतिक्रमण उन्मूलन का दायित्व है, उस मनपा कार्यालय के सामने भी फुटपाथ व सड़कों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा सुबह से देर शाम तक बना रहता है। विभागीय आयुक्त कार्यालय, जिला परिषद व प्रशासकीय इमारत के सामने उद्योग भवन तक तो पूरा का पूरा बाजार रोज ही लगता है।
कई बार मनपा का अतिक्रमण उन्मूलन दस्ता यहां कार्रवाई करता है, लेकिन दस्ते के हटते ही अतिक्रमणकारी दोबारा अपना ठीया जमा लेते हैं। यहां चाय-पान, नाश्ता, फल-सब्जी, कपड़े, खर्रा-गुटका-सिगरेट, बेल्ट, पर्स, सजावटी सामान सारा कुछ बिकता है। जिला सत्र न्यायालय से प्रशासकीय इमारत व पुलिस कंट्रोल रूम की ओर जाने वाले संकरे रोड के एक साइड किनारे भी ठेले लगते हैं। कई बार तो यहां वाहनों को निकलने तक की जगह नहीं बचती है। आश्चर्य तो यह है कि सारे विभाग के आलाधिकारी रोज ही यहां अपनी आंखों से नजारा देखते हैं, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया जाता। अफरा-तफरी का माहौल यहां बना रहता है।
आकाशवाणी चौक से जिलाधिकारी कार्यालय की ओर जाने वाले रोड में तो सेंट उर्सुला स्कूल के आगे वाले चौक तक फुटपाथों पर ठेलों व गुमटियों का कब्जा है। दोनों चौराहों के बीच में ऐसा एक भी हिस्सा नहीं बचा है जहां अतिक्रमणकारियों की मनमानी न चल रही हो। फुटपाथ तो कब्जे में है ही, सड़क के किनारे भी कई ठेले लग रहे हैं। जिला सत्र न्यायालय, तहसील ऑफिस, कलेक्टर ऑफिस में जिले भर से काम के लिए हजारों नागरिक रोज आते हैं।
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इनकी भीड़ लगती है और कई बार तो ऑफिस लगने व छूटने के समय में जाम भी लगता है। यह रोड अतिक्रमणकारियों के लिए वरदान ही साबित रहा है। सुबह से कार्यालयीन समय तक रोड के बीच में टेबल्स लगाकर पकौड़ी-समोसे बेचे जा रहे हैं। चाय-पान के साथ ही प्रतिबंधित गुटखा व खर्रा तक यहां बेचा जा रहा है। एक ही पकौड़ी वाले के अनेक टेबल रोड के दोनों साइड लग रहे हैं, अन्य अतिक्रमण अलग हैं। लोगों को फुटपाथ पर चलने के लिए जगह नहीं मिलती।
मनपा की जिम्मेदारी पूरे शहर के फुटपाथों व सड़कों को अतिक्रमण से मुक्त कराने की है, लेकिन उसके ही सिविल लाइन्स स्थित मुख्यालय के सामने भारी संख्या में चाय-नाश्ता, ताक, लस्सी, नींबू पानी वालों का ठीया लगा रहता है। गेट के अगल-बगल में गुमटियां लगती हैं। ऐसा ही हाल जिला परिषद कार्यालय का है। यहां तो गेट के बाजू में ही गुमटी वालों ने कब्जा कर रखा है। जीपीओ का भी ऐसा ही हाल है। 2-3 गुमटी वालों का बाउंड्रीवाल पर ही कब्जा है।
पंचायत समिति कार्यालय सिविल लाइन्स, विधायक निवास आदि परिसरों में भी फुटपाथ पर अनेक चाय-पान व नाश्ता के ठेले लग रहे हैं। नियमित कार्रवाई नहीं होने के चलते ही अतिक्रमणकारियों की चांदी कट रही है। उनका हौसला बुलंदी पर है। संख्या बढ़ती ही जा रही है।