नागपुर में प्रहार का प्रदर्शन (सौजन्य-IANS)
Bachchu Kadu Protest: किसानों की कर्जमाफी और सातबारा कोरा करने की मांग को लेकर सीएम की सिटी में शुरू हुए पूर्व विधायक बच्चू कड़ की अगुवाई वाले आंदोलन ने दूसरे दिन भी उग्र रूप धारण कर लिया। 36 घंटे से ज्यादा समय से बंद वर्धा रोड सहित 4 प्रमुख हाईवे बुधवार शाम 6 बजे तक खाली करने का आदेश बंबई हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने दिया था।
पुलिस जब यह आदेश लेकर पहुंची तो आंदोलन स्थल पर मौजूद हजारों किसानों ने दो टूक कहा कि वे लाठी-गोली खाने को तैयार हैं। सरकार चाहे तो उन्हें जेल भेज दे। वे वहां अपना आंदोलन जारी रखेंगे, बच्चू कड़ से चर्चा के लिए पहुंचे राज्य मंत्री द्वय पंकज भोयर व आशीष जायसवाल को भी कुछ हद तक सफलता मिली।
देर रात तक कड़ के अलावा किसान नेता वामनराव चटप, राजू शेट्टी, महादेव जानकर, अजीत नवले, रवि तुपकर सहित कई नेता डटे रहे। प्रहार संगठन के बच्चू कड़ के नेतृत्व में हो रहे इस आंदोलन की गूंज ऑरेंज सिटी नागपुर के साथ-साथ पूरे राज्य में सुनाई दे रही है। विभिन्न स्थानों पर रास्ता रोको और रेल रोको किया गया, समृद्धि और दूसरे हायवे पर टायर जलाकर गुस्सा भी निकाला गया।
के राज्य मंत्री द्वय खापरी इलाके में चर्चा के लिए रुके, मोर्चास्थल से आदोलनकारियों को लेकर कड़ जब सिटी की ओर बढ़े तो पुलिस प्रशासन हाथ-पांव फूल गए। आंदोलनकारियों के बीच में ही दोनों मंत्रियों ने कड़ से चर्चा की, लेकिन वे किसी भी सूरत में सरकार की बात सुनने को तैयार नहीं थे।
प्रदर्शनकारी 182 किलोमीटर की यात्रा करके मंगलवार दोपहर बाद नागपुर की सीमा पर डेरा डाले हुए है। रात सड़को, खेतों और आसपास के द्वाबों पर बिताने के बाद वे सुबह होते ही फिर से सड़कों पर बैठ गए, कडू ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगों को लागू करने वाला आदेश जारी नहीं होता वो आंदोलन वापस नहीं लेंगे।
प्रदर्शनकारी गुस्से में है और आरोप लगा रहे हैं कि सरकार बार-बार झूठ बोलकर टालमटोल कर रही है और किसानों तथा आम जनता को धोखा दे रही है। प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को मुंबई रेलवे रूट पर ट्राफिक रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने इसे सफल नहीं होने दिया, अब कडू ने फिर रेल-रोको का आदेश दिया है।
आंदोलन स्थल पर भारी गुस्सा देखा जा रहा है और प्रदर्शनकारियों ने वर्धा, चंद्रपुर मार्गों सहित शहर में आने वाले चार प्रमुख राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया है, किसानों के इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए मराठा समाज के नेता मनोज हुए। जरांगे भी देर रात नागपुर की ओर रवाना उनके नागपुर आने के बाद आंदोलन के और भी भड़कने की संभावना है।
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आदोलनकारियों ने सरकार को 19 मांगों की सूची सौंपी है, जिसमे 12 मांगों को ‘अ’ श्रेणी में और शेष को ‘ब’ श्रेणी में रखा गया है। ‘अ’ श्रेणी की मांगों को तत्काल मंजूर किया जाना है, जबकि बाकी मागों पर चर्चा करके समाधान निकाला जाना है। यह सूची सरकार के पास है और प्रशासनिक स्तर पर इन पर चर्चा चल रही है।
आंदोलन के कारण चार राजमार्ग ठप हैं। वाहनों की लंबी कतारे लगी है। सार्वजनिक सामानों के परिवहन पर असर पड़ रहा है, व्यवस्था चरमरा रही है। कानून-व्यवस्था का सवाल भी खड़ा हो रहा है। इन सब का स्वतः संज्ञान (सू मोटो) लेते हुए उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने सुनवाई की। न्यायालय ने निर्देश दिया कि बुधवार शाम 6 बजे तक आंदोलन स्थल को खाली कर दिया जाए। वैसे आआंदोलनकारियों ने कोर्ट पर भी यह कहकर निशाना साधा कि इतनी संवेदनशीलता किसानों की समस्याओं पर तो कभी भी नहीं दिखाई जाती।