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चुनाव से पहले कांग्रेस में खुली गुटबाजी! केदार और सपकाल आमने-सामने, 550 उम्मीदवारों के लिए इंटरव्यू

Maharashtra Politics: चुनाव से पहले कांग्रेस में गुटबाजी खुलकर सामने आई। सुनील केदार और प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल आमने-सामने आ चुके है। बिना किसी सूचना के इस बैठक को अवैध बताया गया।

  • By प्रिया जैस
Updated On: Nov 08, 2025 | 10:01 AM

बैठक (सौजन्य-नवभारत)

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Maharashtra News: नागपुर जिले में होने वाले आगामी चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस में नाराज़गी के सुर उभरने लगे हैं। गुटबाजी फिर से उजागर होने लगी है। बिना किसी पूर्व सूचना के जिला कांग्रेस नेतृत्व ने जिला चयन समिति की बैठक बुलाकर उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी, जिससे प्रदेशाध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल नाराज हो गए।

प्रदेशाध्यक्ष की जानकारी के बिना बुलाई गई इस बैठक में जब पर्यवेक्षक और विधानसभा प्रभारी अचानक पहुंच गए, तो उन्होंने बैठक को अवैध करार दिया और वहां से चले गए। इस घटनाक्रम से बैठक में मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। हालांकि इसके बावजूद बैठक जारी रही। इस घटनाक्रम को कांग्रेस के दिग्गज नेता सुनील केदार व प्रदेशाध्यक्ष सपकाल के बीच सीधी व खुली टक्कर भी बताया जा रहा है।

बैस ने बुलाई थी बैठक

जिले में नगर पंचायत, नगरपालिका, जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव होने वाले हैं। इन्हीं की तैयारी के लिए शुक्रवार को जिला कांग्रेस अध्यक्ष अश्विन बैस ने चयन समिति की बैठक बुलाई थी, जिसमें इच्छुक उम्मीदवारों को भी आमंत्रित किया गया था। इस बैठक में पूर्व मंत्री सुनील केदार, सांसद श्यामकुमार बर्वे, पूर्व जिलाध्यक्ष राजेंद्र मूलक और प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश भोयर उपस्थित थे।

बैठक सुबह 10 बजे शुरू हुई और विधानसभा निहाय नप-नपं चुनाव लड़ने के इच्छुकों के इंटरव्यू लिए गये। बैठक में केवल केदार गुट के पदाधिकारियों को ही बुलाया गया था जिसके चलते दूसरे गुट ने प्रदेशाध्यक्ष से शिकायत कर दी। सपकाल ने जिला निरीक्षक, पूर्व विधायक वीरेंद्र जगताप और कुछ विधानसभा पर्यवेक्षकों से पूछताछ की।

जब पता चला कि पर्यवेक्षकों को बैठक की कोई जानकारी ही नहीं दी गई तो सपकाल ने जगताप, अशोक बोबडे और उदय मेघे को तत्काल बैठक में जाने का निर्देश दिया। तीनों अचानक गणेशपेठ स्थित बैठक में पहुंचे जहां चयन की प्रक्रिया चल रही थी। उन्होंने बिना सूचना के बैठक आयोजित करने पर नाराज़गी जताई और बैठक को अवैध घोषित कर बाहर निकल गए। बावजूद इसके बैठक में इंटरव्यू चलता रहा।

पार्टी शिष्टाचार के नियमों की अनदेखी

प्रदेशाध्यक्ष ने पहले ही निर्देश दिए थे कि पार्टी में मतभेद न हों और सभी कार्य शिष्टाचार व नियमों के अनुसार हों। नियमों के तहत चयन बैठक में जिला निरीक्षक, विधानसभा पर्यवेक्षक, प्रदेश पदाधिकारी, स्थानीय विधायक, पूर्व विधायक, जिला पदाधिकारी और विभिन्न मोर्चा संगठनों के अध्यक्षों को आमंत्रित करना आवश्यक था लेकिन अधिकांश को बुलाया ही नहीं गया, जिससे प्रदेशाध्यक्ष ने नाराज़गी जताई।

बढ़ सकता है विवाद

पूर्व मंत्री सुनील केदार पर पिछले कुछ वर्षों से जिला कांग्रेस को अकेले चलाने के आरोप लगते रहे हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार रश्मि बर्वे का एकमात्र नाम भेजा था। पूर्व जिलाध्यक्ष बाबा आष्टणकर जो उनके समर्थक नहीं हैं, उन्हें 8 महीनों में ही पद से हटा दिया गया था। विधानसभा चुनाव में रामटेक में महाविकास आघाड़ी के खिलाफ बगावत करने के बाद भी केदार ने राजेंद्र मूलक का खुलेआम प्रचार किया था।

यह भी पढ़ें – ‘किसी को नहीं बख्शा जाएगा!’ पुणे लैंड स्कैम पर फडणवीस का बड़ा ऐलान, रजिस्ट्री रद्द, जांच होगी तेज!

इसके बावजूद सपकाल ने अब तक केदार का समर्थन किया था, लेकिन स्थानीय निकाय चुनावों से पहले उन्होंने पार्टी अनुशासन और निर्देशों के कड़ाई से पालन का आदेश दिया था। इन निर्देशों को अनदेखा कर बैठक बुलाने के कारण प्रदेशाध्यक्ष ने निरीक्षकों को भेजकर अपना संदेश साफ कर दिया है जिसके चलते केदार बनाम सपकाल विवाद के बढ़ने के संकेत हैं।

550 उम्मीदवारों का लिया साक्षात्कार

पर्यवेक्षकों की नाराज़गी और बैठक को अवैध घोषित करने के बावजूद उम्मीदवारों के साक्षात्कार जारी रहे। जिलाध्यक्ष अश्विन बैस ने बताया कि केदार, मूलक, सांसद बर्वे, भोयर, कुंदा राऊत, रश्मि बर्वे, मुक्ता कोकड्डे आदि की उपस्थिति में बैठक ली गई। बैठक में चुनाव लड़ने के इच्छुक 550 उम्मीदवारों के साक्षात्कार लिये गए।

इस पूरे प्रकरण से ऐसा लग रहा है कि जिला कांग्रेस ने केदार के नेतृत्व में जिले में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। प्रदेशाध्यक्ष इस पर क्या एक्शन लेंगे, यह देखने वाली बात होगी। हालांकि महासचिव कुंदा राऊत ने बताया कि 12 नगर पंचायत व नगर पालिका के लिए प्रत्येक वार्डनिहाय 1 से 3 उम्मीदवारों का पैनल बनाया गया है। सूची प्रदेश कमेटी को भेजी जाएगी। चयनित उम्मीदवार के नाम से एबी फार्म भेजे जाएंगे। जानकारी के अनुसार निरीक्षकों ने बैठक में हाजिरी लगाई और बाद में एंटी चेंबर में कुछ ज्येष्ठ नेताओं से चर्चा भी की।

Nagpur congress faction sunil kedar sapkal clash election meeting

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Published On: Nov 08, 2025 | 10:01 AM

Topics:  

  • Harshwardhan Sapkal
  • Maharashtra
  • Maharashtra Local Body Elections
  • Nagpur
  • Sunil Kedar

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