
बादलों ने दी गर्मी से राहत, (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: आसमान में छाए बादलों ने सूरज की तपती किरणों की तीव्रता को कम कर दिया। पिछले चौबीस घंटे में दिन का तापमान 3.4 डिग्री की गिरावट के साथ 39.2 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा। सामान्य से तीन डिग्री कम तापमान होने से शहरवासियों को तपती गर्मी से राहत मिली। इतना ही नहीं, अप्रैल के बचे हुए दिनों में भी पारा 40 डिग्री के आसपास बना रहेगा क्योंकि आसमान बादलों से आच्छादित रहेंगे। एक या दो अंतराल में बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के अनुसार पश्चिम विदर्भ से मराठवाड़ा, कर्नाटक, तमिलनाडु होते हुए एक द्रोणिका बनी है, जिसकी वजह से वातावरण में बदलाव नजर आ रहा है। नागपुर सहित विदर्भ के सभी जिलों में तपती गर्मी से राहत मिली। द्रोणिका मौसम की ऐसी स्थिति है जिसमें ठंडी और गर्म हवाएं आपस में टकराकर कम दबाव का क्षेत्र बनाती हैं। इस स्थिति से निकलने वाली हवा की पट्टी को द्रोणिका कहते हैं और यह अचानक मौसम में बदलाव और तेज बारिश ला सकती है।
नागपुर में भी पिछले 2 दिनों से आसमान में बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग की मानें तो 30 अप्रैल तक इसी प्रकार की स्थिति बनी रहेगी। सुबह के समय तेज धूप और बादल छाए रहेंगे, जबकि शाम होते ही तेज हवाओं के साथ बौछारें पड़ेंगी। रविवार को भी सुबह से तेज धूप और बादलों का डेरा था। लेकिन शाम 5.30 बजे के करीब शहर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई। उसके बाद ठंडी हवाएं चलने लगीं, जिसकी वजह से दिन भर की गर्मी गायब हो गई।
महाराष्ट्र से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
3 दिन पहले तक विदर्भ के जिले खूब तप रहे थे। लेकिन वातावरणीय बदलाव की वजह से रविवार को विदर्भ के अधिकांश जिलों का तापमान गिरा। अकोला और वाशिम 42.4 डिग्री के साथ संयुक्त रूप से सबसे गर्म रहे। जबकि चंद्रपुर, ब्रह्मपुरी, गोंदिया, वर्धा, यवतमाल में पारा 40 डिग्री के नीचे जा पहुंचा।
नागपुर में अप्रैल महीने में 13 दिन बाद दिन का तापमान 40 डिग्री के नीचे जा पहुंचा। 14 अप्रैल को दिन का तापमान 39.8 डिग्री था। उसके बाद पारा 40 डिग्री के ऊपर बना रहा। 19 अप्रैल को पारा 44.7 डिग्री पर जा पहुंचा, जो कि इस मौसम का सबसे गर्म दिन रहा। अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में 6 दिन पारा 44 डिग्री के ऊपर दर्ज किया गया।






