पाटनसावंगी टोल नाका (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur News: सावनेर-नागपुर हाईवे पर पाटनसावंगी स्थित वर्षों से विवादों में घिरा अवैध टोल नाका अंततः 1 अगस्त को हटाकर पांढुरना मार्ग के भागीमाहेरी के पास स्थानांतरित कर दिया गया। इस निर्णय से आम नागरिकों, वाहन चालकों और खासकर छिंदवाड़ा-नागपुर मार्ग पर चलने वालों ने राहत की सांस ली है।
सालों से यह टोल नाका जनता के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था। पाटनसावंगी टोल पर अक्सर जबरन वसूली, अव्यवस्था और जनप्रतिनिधियों के विरोध के बावजूद जबरदस्ती टोल वसूलने की शिकायतें सामने आती रही थीं। 1 अगस्त को टोल हटाने की आधिकारिक घोषणा के बावजूद भी कर्मचारियों द्वारा जबरन टोल वसूलने की कोशिश की गई जिसे भाजपा जिलाध्यक्ष मनोहर कुंभारे के हस्तक्षेप के बाद रोका गया।
इस पूरे मामले में विधायक आशीष देशमुख, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोहर कुंभारे और डॉ. राजीव पोतदार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 28 जून को पाटनसावंगी टोल के खिलाफ जन आंदोलन किया गया था जिसमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अधिकारी सिन्हा भी मौके पर पहुंचे थे और टोल को 29 जुलाई तक हटाने का आश्वासन दिया था।
इसके बाद से टोल को हटाने की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी और 1 अगस्त को टोल को आधिकारिक रूप से भागीमाहेरी में स्थानांतरित कर दिया गया। वर्तमान में वहां नया टोल प्लाजा निर्माणाधीन है। इसका कार्य अब तेजी से प्रगति पर है।
इस टोल के हटने से विशेष रूप से उन लोगों को राहत मिली है जो छिंदवाड़ा से नागपुर की ओर आते-जाते हैं। पहले उन्हें 22 किमी की दूरी में दो बार टोल शुल्क चुकाना पड़ता था। यदि मध्य प्रदेश के सौंसर क्षेत्र से कोई मरीज नागपुर ले जाया जाता तो भी टोल की दोहरी मार पड़ती थी। अब इस निर्णय से न केवल महाराष्ट्र बल्कि मध्य प्रदेश की जनता में भी खुशी की लहर है।
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इस टोल को हटाने का मुद्दा भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान जोर-शोर से उठाया था और अब यह वादा पूरा होने से क्षेत्रीय जनता में सकारात्मक संदेश गया है। पाटनसावंगी से टोल हटाकर भागीमाहेरी में स्थानांतरित किया जाना जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग की पूर्ति और प्रशासनिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है।