प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो- सोशल मीडिया
औसतन हर दिन 2,000 घरों में मच्छरों के लार्वा पाए जाते हैं जिससे डेंगू और चिकनपॉक्स के लिए उपजाऊ वातावरण बनता है। ‘आशा कार्यकर्ताओं’ और ‘ब्रीडिंग चेकर्स’ ने 1 से 4 अगस्त तक 1,46,509 घरों का सर्वेक्षण किया और कूलर की टंकियों, गमलों, बर्तनों, ड्रमों, खराब तरीके से बने और घर की छत पर रखे बेकार सामानों का निरीक्षण किया जिनमें पानी जमा हो सकता है।
इससे पता चलता है कि नागरिकों की लापरवाही शहर के स्वास्थ्य के साथ खतरा बन गई है। गौरतलब है कि इसमें धंतोली जोन सबसे आगे है। इस जोन में पिछले 4 दिनों में 20,802 घरों का निरीक्षण किया गया है और 1,288 घरों में मच्छरों के लार्वा पाए गए हैं।
वर्तमान में मच्छरों से होने वाली डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ने की संभावना है, इसलिए आशा कार्यकर्ताओं द्वारा शहर में घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जा रहा है। इसके लिए मनपा की 1,088 आशा कार्यकर्ता काम कर रही हैं और उन्हें जोन स्तर और वार्डवार सर्वेक्षण करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा शहर के स्वास्थ्य की गंभीरता को देखते हुए मनपा ने 4 महीने के लिए 100 ब्रीडिंग चेकर्स की नियुक्ति की है। ‘ब्रीडिंग चेकर्स’ और आशा कार्यकर्ता मच्छरों के प्रजनन स्थलों की खोज करते हैं और यदि लार्वा पाए जाते हैं तो उन्हें नष्ट करने की कार्रवाई की जाती है।
1 जुलाई 2025 से अब तक शहर में 9 डेंगू और 3 चिकनपॉक्स पॉजिटिव मामले पाए गए हैं। शहर में मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए यह सर्वेक्षण बेहद महत्वपूर्ण है। मनपा के चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। दीपक सेलोकर ने नागरिकों से अपील की है कि वे सर्वेक्षण के लिए उनके घर आने वाले मनपा के ‘ब्रीडिंग चेकर्स’ और आशा सेविका को हरसंभव सहयोग प्रदान करें।
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मनपा की आशा कार्यकर्ताओं और ब्रीडिंग चेकर्स ने सोमवार को एक दिन में 43,532 घरों का निरीक्षण किया। इनमें से 100 ब्रीडिंग चेकर्स ने 7,678 घरों का निरीक्षण किया और 309 घरों में मच्छरों के लार्वा पाए गए। आशा कार्यकर्ताओं ने 35,854 घरों का निरीक्षण किया। इनमें से 2,070 घरों में उन्हें मच्छरों के लार्वा मिले। सोमवार को कुल 2,379 घरों में मच्छरों के लार्वा पाए गए।