विधायक नितिन राऊत (सौ. सोशल मीडिया)
MLA Nitin Raut: उत्तर नागपुर के विधायक और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नितिन राऊत राज्य के मंत्री आशीष शेलार (भाजपा) द्वारा लगाए गए उत्तर नागपुर में डुप्लीकेट मुस्लिम वोट के आरोपों पर भड़क उठे। उन्होंने प्रेस-परिषद में शेलार व भाजपा को करारा जवाब देते हुए कहा कि बिना किसी ठोस सबूत के किया गया राजनीतिक दुष्प्रचार है जो जनता की समझ, सामाजिक एकता और संविधान पर आस्था का अपमान है।
शेलार ने मुंबई में प्रेस-परिषद को लेकर कहा कि उत्तर नागपुर में 8,342 मुस्लिमों के वोटर लिस्ट में डबल नाम हैं। राऊत का कहा है कि उन्होंने मेरा नाम भी लिया जो न केवल राजनीतिक दुष्प्रचार है बल्कि धर्म के नाम पर समाज में फूट डालने और चुनाव पूर्व धार्मिक तुष्टिकरण करने का सुनियोजित प्रयास है। राऊत ने सवाल किया कि चुनाव आयोग चुप क्यों है और भाजपा के मंत्री ऐसे बयान क्यों दे रहे हैं? उन्होंने कहा, भाजपा को लोकतंत्र से नहीं, जनता की एकता से डर लगता है। मतदाता धर्म या जाति से नहीं, नागरिक के रूप में दर्ज होता है। मुस्लिम वोट या दलित वोट जैसी वर्गीकरण की भाषा संविधान का अपमान है। देश का मतदाता धार्मिक नहीं, संविधाननिष्ठ नागरिक है। यह लड़ाई धर्म की नहीं, विचारों की है।
नितिन राऊत ने कहा कि मतदाता सूची तैयार करने का पूरा काम चुनाव आयोग के अधीन है। किसी भी राजनीतिक व्यक्ति चाहे वह विधायक हो, सांसद हो या किसी दल का पदाधिकारी, उसे इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। अगर भाजपा के पास कोई सबूत है तो उसे चुनाव आयोग को सौंपना चाहिए यही लोकतंत्र का सही मार्ग है। भाजपा सरकार का मंत्री जब खुद यह आरोप लगाता है तो इसका मतलब यह है कि उन्होंने अपनी ही सरकार के तहत हो रहे गैर कानूनी कार्यों को स्वीकृति दे रखी है।
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चुनाव आयोग चुप है, शांत है लेकिन भाजपा की बेचैनी उसके असुरक्षा के भाव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब-जब दलित, ओबीसी, शोषित और अल्पसंख्यक समाज एकजुट होता है तब भाजपा को ‘वोट जिहाद’ दिखाई देता है. यह सिर्फ डर का नहीं बल्कि संविधान विरोधी मानसिकता का परिचायक है।