ओबीसी आरक्षण खत्म (सौजन्य-नवभारत)
OBC Protest End: नागपुर में मराठाओं को ओबीसी कोटे से आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे के नेतृत्व में मुंबई में आंदोलन जारी था। सरकार ने हैदराबाद गजेटियर लागू करने की मांग को मंजूर किया तो मराठाओं में खुशी की लहर दौड़ गई थी। वहीं उपराजधानी नागपुर में ओबीसी राष्ट्रीय महासंघ द्वारा संविधान चौक पर बीते 5 दिनों से मराठाओं को ओबीसी कोटे से आरक्षण नहीं देने की मांग को लेकर शृंखलाबद्ध अनशन जारी था।
आंदोलनकारियों ने शर्त रखी की स्वयं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जब तक अनशन स्थल पर आकर मांगें पूरी नहीं करते तब तक अनशन जारी रहेगा। गुरुवार की सुबह सीएम के प्रतिनिधि के रूप में ओबीसी मंत्री अतुल सावे पहुंचे और उन्होंने महासंघ की 14 में से 12 मांगों को मंजूर करने का सीएम का मसौदा पढ़कर सुनाया। इसमें मराठाओं को ओबीसी संवर्ग में समावेश नहीं करने और सरसकट मराठा समाज को कुणबी प्रमाणपत्र नहीं देने की मांगों को मान लिया गया।
मंत्री की घोषणा के साथ ही ओबीसी समाज में हर्ष की लहर दौड़ गई। उनके साथ परिणय फुके, चरण सिंह ठाकुर, प्रवीण दटके, विकास महात्मे, महाज्योति व्यवस्थापकीय संचालक मिलिंद नारिंगे, प्रादेशिक उपसंचालक विजय वाकुड़कर भी उपस्थित थे। सावे ने महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बबनराव तायवाड़े, महासचिव सचिन राजुरकर को जूस पिलाकर अनशन छुड़वाया।
ओबीसी ने अपनी 14 सूत्रीय मांगें रखी थीं जिसमें पहला सरसकट मराठा समाज को कुणबी प्रमाणपत्र नहीं देने, ओबीसी विद्यार्थियों को व्यावसायिक अध्ययन के लिए 100 फीसदी स्कॉलरशिप लागू करने, विदेश में शिक्षा के लिए 75 बच्चों को दी जाने वाली शिष्यवृत्ति 200 विद्यार्थियों देने का समावेश है।
बार्टी की तर्ज पर महाज्योति के कार्य ओबीसी, विजा, भज व विशेष मागास प्रवर्ग संस्थाओं को रोजगार देने को प्राथमिकता देने, म्हाडा व सिडको के घरकुल में ओबीसी के लिए आरक्षण, ओबीसी, वीजेएनटी, एसबीसी आर्थिक विकास महामंडल की ओर से दिए जाने वाले कर्ज योजना में सिर्फ खेती की शर्त शिथिल करने, मागास आर्थिक विकास महामंडल को जनार्दन पाटिल ओबीसी आर्थिक विकास महामंडल नाम देने की मांग रखी गई है।
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मंत्री सावे ने जानकारी दी कि 2 मांगें ओबीसी विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप लागू करने और अतिवृष्टि से फसलों के नुकसान पर किसानों को त्वरित भरपायी देने को मंजूरी के लिए कैबिनेट में प्रस्तावित किया है।
मराठा आंदोलन के साथ शुरू हुआ ओबीसी आंदोलन छठवें दिन समाप्त हुआ। शहर अध्यक्ष परमेश्वर राऊत ने बताया कि सरकार द्वारा मांगें पूरी किये जाने से समाज में खुशी की लहर है। शृंखलाबद्ध अनशन में अशोक जीवतोडे, शेषराव येलेकर, केंद्रीय सचिव शरद वानखेडे, नाना झोडे, विनोद इंगोले, हरिभाऊ बनाईत, श्रीकांत मसमारे, रितेश कड़व, निलेश कोडे, ऋषभ राऊत, गणेश चौकसे, निखिल भुते, खुशाल शेंडे, सुरेश कोंगे मौजूद थे।
इनके साथ अविनाश घागरे, गणेश गडेकर, ऋतिका डाफ, सुनील शिंदे, घनश्याम मांगे, मनीष फुके, अविनाश पाल, तुलसीदास भुरसे, कवींद्र रोहनकर, हेमराज गोमासे। सुरज बेलोकर, अर्चना बोंबले, अनिल कोठांगले, शकील पटेल, राजू गोसाई, निलेश खोडे, अनंता बारसागडे सहित संगठन के सभी पदाधिकारी व समाज बांधव बड़ी संख्या में उपस्थित थे।