मनपा चुनाव (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Maharashtra Local Body Elections: मनपा के निकट भविष्य में होनेवाले आम चुनावों को लेकर राज्य चुनाव आयोग की ओर से प्रक्रिया शुरू की गई, जिसके अनुसार 4 सदस्यीय प्रभाग पद्धति के लिए हाल ही में प्रभाग रचना घोषित की गई। 151 सदस्यों की महानगर पालिका में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के आरक्षण को तय किया जाना है।
अब सुप्रीम कोर्ट द्वारा ओबीसी का मसला हल किए जाने के बाद स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश की गई है। यही कारण है कि आरक्षण की लॉटरी में ओबीसी का भी आरक्षण निश्चित किया जाएगा, जिससे वर्तमान में भले ही कई नए और पुराने दावेदार लड़ने का मन बनाकर अभी से मैदान में उतरने के लिए तैयार हों।
लेकिन आरक्षण से प्रभागों के समीकरण बदलने से उनकी आशाओं पर पानी फिर सकता है। यही कारण है कि अब राजनीतिक दलों की नजरें सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर लगी हुई हैं। 11 नवंबर को होने जा रहे आरक्षण लॉटरी में केवल महिला वर्ग का आरक्षण निर्धारित किया जाएगा। इसके आधार पर पुरुषों के लिए भी सीटें तय हो जाएंगी।
जानकारों के अनुसार राज्य चुनाव आयोग की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार 151 सीटों में से 30 सीटें अनुसूचित जाति और 12 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित करना है। स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण को हरी झंडी मिलने के कारण 109 सीटों में से 42 सीटें ओबीसी वर्ग के लिए रखनी होगी। जानकारों के अनुसार नई प्रभाग रचना वर्ष 2017 की प्रभाग पद्धति की तुलना में कोई अंतर नहीं पड़ा है।
इसके चलते कई पदाधिकारियों को उनके प्रभागों में फील गुड फैक्टर है। आरक्षण तय नहीं होने से फिलहाल पदाधिकारी आस पास के प्रभागों में भी अपनी सीट पक्की कराने की फिराक में है किंतु ओबीसी आरक्षण निश्चित हुआ, तो कई पदाधिकारियों को चुनाव से हाथ धोना पड़ सकता है।
महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण के अनुसार 76 सीटें आरक्षित होगी।
यह भी पढ़ें – नागपुर: खतरे में कपास किसानों का भविष्य! मार्केट में नहीं मिल रहा मूल्य, सरकारी खरीदी केंद्र भी खाली
राजनीतिक जानकारों के अनुसार मनया चुनाव में 50 प्रतिगत महिला आरक्षण रखना है। वर्तमान में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों के बाद 109 सीटों में से कई सीटों पर ओबीसी पुरुष पार्षदों की दावेदारी हो रही है किंतु ओबीसी आरक्षण पर मुहर लगने के कारण लॉटरी में यदि संबंधित प्रभाग में ओबीसी महिला के लिए सीट आरक्षित हुई, तो इन पार्षदों को पत्नियों के भरोसे मनपा में अपनी सत्ता चलानी होगी।
सूत्रों का मान्नना है कि वर्तमान में भाजपा के 107 पार्षद है। इसमें से वाई पार्षदों का प्रदर्शन ठीक नहीं होने से उनका टिकट कटना है। इसमें भी यदि आरक्षण में वरिष्ठ पार्षदों पर संकट आया, तो भाजपा के समक्ष सर्वर्वाचिक समस्या होगी जिससे ओबीसी आरक्षण को लेकर बल रही न्यायिक लड़ाई पर नजरे लगी हुई है।