सोलर ग्राहकों का 1 लाख का आंकड़ा पार। (सौजन्यः सोशल मीडीया)
नागपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रति माह 300 यूनिट तक बिजली की खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने और अतिरिक्त बिजली बेचकर आय अर्जित करने के मद्देनजर प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना शुरू की गई। इस योजना के क्रियान्वयन में महावितरण ने बुधवार को 1 लाख घरों का आंकड़ा पार कर लिया। यह जानकारी महावितरण कंपनी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्र ने दी।
राज्य में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के कार्यान्वयन पर जोर दिया है, जिसका सीधा लाभ आम उपभोक्ताओं को मिल रहा है। इस योजना में घर की छत पर सोलर ऊर्जा पैनल लगाकर बिजली पैदा की जाती है।
चूंकि घरेलू खपत से अधिक बिजली उत्पन्न होती है, इसलिए बिजली का बिल शून्य हो जाता है, और अतिरिक्त बिजली को महावितरण नेटवर्क में भेजकर आय भी उत्पन्न होती है। केंद्र सरकार छतों पर सोलर ऊर्जा पैनल लगाने के लिए प्रति 3 किलोवाट 78,000 रुपये तक की प्रत्यक्ष अनुदान प्रदान करती है। प्रधानमंत्री मोदी ने घरेलू उपभोक्ताओं की मदद के लिए पिछले साल फरवरी में इस योजना की शुरुआत की थी।
राज्य में 21 जनवरी के अंत तक इस योजना में कुल 1,00,700 सोलर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। इसकी 392 मेगावाट उत्पादन क्षमता हो गई है। उपभोक्ताओं के लिए 783 करोड़ रुपये की सब्सिडी स्वीकृत की गई। 21 जनवरी को एक दिन में 1195 घरों में सोलर ऊर्जा उत्पादन संयंत्र स्थापित किए गए।
नागपुर जिले ने 16,949 घरों में सर्वाधिक सोलर ऊर्जा उत्पादन संयंत्र स्थापित करके राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। पुणे (7,931 घर), जलगांव (7,514 घर), छत्रपति संभाजीनगर (7,008 घर), नासिक (6,626 घर), अमरावती (5,795 घर) और कोल्हापुर (5,024 घर) इस योजना से लाभान्वित होने वाले अग्रणी जिले हैं। वर्धा जिले में 2,651 घरों में सोलर ऊर्जा उत्पादन संयंत्र स्थापित किए गए हैं। राज्य में प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को लागू करने की जिम्मेदारी महावितरण कंपनी के पास है।
महाराष्ट्र की ख़बरों के लिए यहां क्लिक करें…
महावितरण ने इस योजना के तहत ग्राहकों को मुफ्त नेट मीटर उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। योजना का लाभ उठाने के लिए ग्राहकों को वेबसाइट https://pmsuryaghar.gov.in पर पंजीकरण कराना होगा। उन्हें एक किलोवाट की छत पर सोलर ऊर्जा उत्पादन संयंत्र के लिए केंद्र सरकार द्वारा 30,000 रुपये दिए गए थे। दो किलोवाट की क्षमता के लिए 60,000 रुपये तथा तीन किलोवाट या उससे अधिक की क्षमता के लिए 78,000 रुपये की प्रत्यक्ष अनुदान प्रदान की जाती है।
बैंक घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को छतों पर सोलर ऊर्जा उत्पादन संयंत्र लगाने के लिए रियायती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध करा रहे हैं और ऋण प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है। ग्रामीण उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करने वाली ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी।