लम्पी रोग से पीड़ित गाय (फोटो नवभारत)
Nagpur News In Hindi: महाराष्ट्र जैसे प्रगतिशील राज्य में किसानों ने अथक परिश्रम करके देश में अपने राज्य का नाम दुग्ध उत्पादन में ऊंचा किया और एक क्रांति ला दी है लेकिन आज की सरकार इन सभी मुद्दों की ओर ध्यान न देकर केवल राजनीति करने का लक्ष्य सामने रखकर शासन चलाती हुई दिखाई दे रही है।
मुख्यमंत्री फडणवीस का गृह जिला होने के बावजूद जिले के अनेक पशु चिकित्सा केन्द्र व पशु संवर्धन केन्द्र बंद पड़े हैं। जहां शुरू हैं वहां वेटनरी डॉक्टर और कर्मचारी नहीं होने के कारण दुग्ध उत्पादकों को अपने पशुओं के इलाज के लिए निजी डॉक्टरों के पास जाना पड़ रहा है। महंगे उपचार और दवाएं खरीदने को मजबूर हो रहे हैं।
हालत यह है कि गायों में लम्पी रोग का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। सावनेर तहसील में आने वाला तिष्टी (बु।) केन्द्र बीते 9 महीनों से बंद पड़ा हुआ है। इस अकेले गांव में 50 मवेशियों के लम्पी से पीड़ित होने की सनसनीखेज जानकारी सामने आई है। ग्रामीणों ने बताया कि वैक्सीनेशन ही नहीं हुआ है। अब तक कोई अधिकारी और न ही विधायक ने गांव आकर दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं को जानने का प्रयास किया है।
नियमानुसार मई माह की शुरुआत में लम्पी रोग का टीकाकरण, जून माह में एकटांग्या व मुंहपका-खुरपका रोग का टीकाकरण होना चाहिए था लेकिन अब तक जिले में लम्पी रोग का केवल 50 फीसदी ही टीकाकरण हुआ है। केन्द्रों में जाने पर बताया जाता है कि वैक्सीन ही नहीं आई है। इसलिए वैक्सीनेशन नहीं हो पा रहा है। मुंहपका और खुरपका की वैक्सीन अब तक जिला कार्यालय तक पहुंची ही नहीं है जिससे टीकाकरण कार्यक्रम ही ठप हो गया है।
सावनेर व कलमेश्वर तहसील के किसानों व पशुपालकों को डर सता रहा है कि लम्पी कहीं तेजी से न फैल जाए। बता दें कि बीते वर्ष लम्पी रोग से मवेशियों को बचाने के लिए जिला प्रशासन ने अनेक प्रतिबंधात्मक कदम उठाये थे।
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पशुपालकों ने आरोप लगाया है कि अब तो पूरा प्रशासन केवल चुनाव तैयारियों में जुटा लगता है। नागपुर जिले के पालक मंत्री और क्षेत्र के विधायकों का भी ध्यान नहीं है। पूरे जिले में लम्पी से पीड़ित मवेशियों की भारी संख्या होने की आशंका जताई जा रही है।
जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष नितिन राठी ने कहा कि लगता है सरकार के पास टीकाकरण के लिए पैसे नहीं हैं या फिर ठेकेदार तय नहीं हुआ है। एक ओर वोट पाने के लिए धड़ाधड़ मुफ्त की रेवड़ियां बांटी जाती हैं तो दूसरी ओर किसानों, मजदूरों, दुग्ध उत्पादकों की समस्याएं हल करने का समय आता है तो सरकार मुंह मोड़ लेती है।
उन्होंने कहा कि केवल एक तिष्टी गांव ही नहीं बल्कि जिले भर में संबंधित विभाग को तत्काल सर्वे कर लम्पी नियंत्रण के ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि केवल स्टंटबाजी करने और सोशल मीडिया में पोस्ट डाल देने से क्या किसानों, मज़दूरों और दुग्ध उत्पादकों की समस्याएं हल हो जाएंगी?