विधानभवन परिसर में आपस में भिड़े बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर और जितेंद्र आव्हाड के समर्थक (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Legislative Assembly Action: महाराष्ट्र विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने सदन के मानसून सत्र के दौरान हुई झड़प पर कड़ा रुख अपनाया है। समिति ने शुक्रवार को दो प्रतिद्वंद्वी विधायकों के समर्थकों को दो दिन की ‘सिविल कस्टडी’ और 2029 तक विधान भवन परिसर में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है।
महाराष्ट्र विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने शुक्रवार को प्रतिद्वंद्वी भाजपा और राकांपा (शरदचंद्र पवार) विधायकों के दो समर्थकों के लिए दो दिन की ‘सिविल कस्टडी’ की सिफारिश की। यह सिफारिश मानसून सत्र के दौरान हुई झड़प में उनकी संलिप्तता के लिए की गई है।
समिति के अध्यक्ष और शिवसेना विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने विधानसभा को इस कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ‘सिविल कस्टडी’ का अर्थ ऐसी हिरासत से है, जिसमें व्यक्ति को अपराधी की तरह जेल में नहीं डाला जाता, बल्कि उसे नियंत्रित निगरानी या अभिरक्षा में रखा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य दंड देना नहीं, बल्कि अनुशासनात्मक या प्रशासनिक कार्रवाई करना होता है। समिति ने कार्रवाई को अंतिम रूप देने से पहले तथ्यों और घटनाक्रम की पुष्टि की।
समिति ने अपनी सिफारिश में एक अत्यंत कड़ा कदम उठाते हुए नितिन देशमुख और सरजेराव टकले के विधानसभा परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव दिया है। यह प्रतिबंध राज्य विधानसभा के शेष कार्यकाल यानी 2029 तक के लिए लागू रहेगा। इसका मतलब है कि ये दोनों समर्थक मुंबई और नागपुर दोनों विधानसभा परिसरों में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।
निचले सदन में भोंडेकर द्वारा पेश की गई घटना संबंधी रिपोर्ट के अनुसार, यह हाथापाई मानसून सत्र के दौरान विधानसभा लॉबी में हुई थी। समिति ने यह फैसला जुलाई में मुंबई के विधान भवन परिसर के अंदर हुई हाथापाई के वीडियो क्लिप की जांच के बाद किया।
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विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट में जिन दो समर्थकों का उल्लेख किया गया है, वे नितिन देशमुख और सरजेराव टकले हैं। देशमुख, एनसीपी (शरदचंद्र पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थक हैं। वहीं, टकले भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थक बताए गए हैं। घटना संबंधी रिपोर्ट तब पेश की गई जब राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस समय महाराष्ट्र की दूसरी राजधानी नागपुर में चल रहा है।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर को लेकर नारेबाजी की थी। इसके बाद दोनों के बीच माहौल गर्म हो गया था। यह मामला अब मारपीट तक पहुंच गया है। विधान भवन परिसर के अंदर बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर और शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच झड़प हो गई थी। इससे पहले पडलकर और आव्हाड में भी तीखी बहस हुई थी।