फूलों का बाजार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur Mahalaxmi Festival: नागपुर में विविध स्थानों पर महालक्ष्मी के फूलों के हार का सेट 1,000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये के बीच बिका। गणेश उत्सव के दौरान ढाई दिनों के लिए महालक्ष्मी उत्सव मनाया जाता है। इस दौरान सिटी के लाखों घरों में महालक्ष्मी जी स्थापित की जाती हैं। इन ढाई दिनों के महालक्ष्मी उत्सव में यदि सबसे ज्यादा चांदी किसी की है तो वो महालक्ष्मी को चढ़ाए जाने वाले फूलों के हार की।
वैसे तो गणेशोत्सव के पूरे 10 दिन फूलों का अच्छा बिजनेस होता है लेकिन महालक्ष्मी के ढाई दिन में ही करोड़ों का व्यापार होता है। रोज 90 से 100 गाड़ियों की मार्केट में आवक के बजाय रविवार को अचानक 150 गाड़ियों की आवक हुई।
ज्येष्ठा गौरी आह्वान होने से रविवार को सुबह गौरी और गणेश के लिए हार फूल लेने वाले ग्राहकों को फूल के ऊंचे दाम देने पड़े लेकिन शाम को फूल के दाम टूट गये। ग्राहकों ने राहत की सांस ली। थोक फूल विक्रेता भोला दातारकर ने बताया कि मुंबई रोड बंद होने से हंगोली से मुंबई जाने वाली फूलों की गाड़ियों को शहर की ओर डायवर्ट होना पड़ा जिससे मार्केट में 150 गाड़ियों की आवक रही।
एक दिन पहले 160 से 170 रुपये किलो में बिकने वाले गेंदे के फूल रविवार को थोक में 60 से 70 रुपये किलो पर आ गए। शेवंती जो शनिवार को 700 रुपये किलो तक पहुंच गई थी रविवार को 300 रुपये तक आ गई। जिन खुदरा विक्रेताओं ने शनिवार को खरीकी की उन्होंने हार फूल ऊंचे रेट पर ही बेचे।
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भले ही थोक में रेट कम हुए पर ग्राहक ‘फूल’ बन गए। वहीं गजरे में उपयोग में आने वाले कुंदा के फूल जो शनिवार को 1400 रु. प्रति किलो पर थे रविवार को 1200 रुपये किलो हो गए। फूलों के उफनाते दामों से राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है।
फूल | कल | आज |
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गेंदा | 160 से 170 | 60 से 70 रु. |
शेवंती | 600 से 700 | 200 से 300 रु. |
शिर्डी गुलाब | 400 से 500 | 200 से 300 रु. |
डच गुलाब | 500 से 600 | 400 से 500 रु. |
रजनीगंधा | 600 | 400 रु. |
सादा गुलाब | 200 से 250 | 100 से 120 रु. |
जरबेरा | 80 से 90 | 80 से 90 रु. |
कुंदन | 1400 | 1200 रु. |