कार्यालय में तोड़फोड़ (सौजन्य-नवभारत)
Jalalkheda: जलालखेड़ा, दवासा, थड़ीपवनी क्षेत्र के ग्रामीण दिन में सैकड़ों बार हो रही बिजली कटौती से आक्रांत हो गए हैं और उन्होंने इस संबंध में महावितरण कार्यालय पर बुधवार को मोर्चा निकाला और कार्यालय में पहुंचकर तोड़फोड़ की। क्षेत्र के नागरिकों, किसानों में महावितरण के प्रति तीव्र रोष देखा जा रहा हैं। इस समय क्षेत्र में माहौल गरम है।
बार-बार बिजली कटौती के कारण छोटे बच्चों, बीमार लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को काफी परेशानी हो रही है। महावितरण द्वारा बिजली कटौती की कोई समय-सारिणी घोषित न किए जाने से लोगों में गुस्सा है। बैंक, पीस सेंटर, आधार सेंटर, ज़ेरॉक्स, ब्रिज सुविधा केंद्र आदि जगह कार्य बाधित हो रहे हैं। नए मीटर लगने के बाद तीन गुना बिल आना, व्यापारियों, छोटे उद्यमियों जैसे नागरिकों को हर मिनट बिजली आपूर्ति बाधित होने से भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
कम्प्यूटर उपकरण बार-बार बंद होने से सिस्टम में तकनीकी खराबी आ रही है। हर पांच मिनट में बिजली आपूर्ति बंद होने से ग्रामीण नाराज हैं। ग्रामीणों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद, महावितरण से उन्हें गोलमोल जवाब मिल रहे हैं और अधिकारियों की गैरज़िम्मेदारी नागरिकों के गुस्से का कारण बन रही है।
थड़ीपवनी गांव में दो दिनों से बिजली कटौती चल रही थी और अभी खेती तैयार करने के लिए किसान खेती को पानी देते है। मगर जब बिजली ही नहीं तो खेती को पानी कैसे दे सकते है। क्षेत्र में पर्याप्त बारिश नहीं होने से संतरे के बाग़ों और अन्य फसलों को भारी नुकसान हो रहा है, इसलिए बुधवार को किसान महावितरण कार्यालय में रुद्र अवतार धारण करते नज़र आए।
यह भी पढ़ें – टीचर है या डेटा एंट्री ऑपरेटर? सरकारी ऐप्स ने शिक्षकों पर बढ़ाया बोझ, WhatsApp आदेश से हुए परेशान
गुस्साये किसान दोपहर करीब 2 से 2:30 बजे अपनी समस्या का समाधान मांगने के लिए बिजली विभाग के कार्यालय पहुंचे तब वहां इंजीनियर मौजूद नहीं थे। इससे किसानों का गुस्सा और बढ़ गया। गुस्से में आकर किसानों की भीड़ ने बिजली कार्यालय में तोड़फोड़ शुरू कर दी। पता चला है कि इस समय करीब 200 से 300 की संख्या में किसान थे।
थड़ीपवनी में गुस्साये किसानों की भीड़ ने बिजली विभाग के कार्यालय की तोड़फोड़ की मगर छह घंटे से ज्यादा समय बीतने के बावजूद बिजली विभाग की ओर से इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी।