Nagpur News In Hindi: जलालखेड़ा में 11 केवी बिजली लाइन और डीपी डिस्ट्रिब्यूशन पॉइंट माइग्रेशन के नाम पर करोड़ों रुपये के कथित वित्तीय घोटाले का मामला सामने आया है। नागपुर सर्कल के काटोल डिविजन अंतर्गत यह मामला सार्वजनिक हुआ है। आरोप है कि पिछले 15 वर्षों से पशु चिकित्सालय के पास स्थापित 11 केवी लाइन और ट्रांसफॉर्मर को बिना वैध बजट, आदेश या वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति हटाया गया। इस पूरे प्रकरण में जूनियर इंजीनियर विनोद खंडारे जांच के दायरे में हैं।
सूत्रों के अनुसार महावितरण के तकनीकी निरीक्षण, प्रशासनिक स्वीकृति और वर्क ऑर्डर जैसी आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। ग्रापं से स्वीकृत 50 स्ट्रीट लाइट पोल कथित रूप से आपसी लेनदेन के जरिए बेचे गए। आरटीआई से पता चला कि डीपी माइग्रेशन के लिए कोई वैध बजट, आदेश या ठेकेदार पंजीकरण उपलब्ध नहीं है। बावजूद इसके, अब तक संबंधित जूनियर इंजीनियर पर न तो निलंबन हुआ और न ही विभागीय जांच शुरू की गई है, जिससे नागरिकों में आक्रोश बढ़ा है।
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जलालखेड़ा और नरखेड़ तहसील में नागरिकों ने हाईलेवल जांच और स्वतंत्र वित्तीय ऑडिट की मांग उठाई है। उनका कहना है कि यदि महावितरण में इस तरह फंड का दुरुपयोग चलता रहा और दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो प्रशासन की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े होंगे।