भारत की पहली एआई आंगनवाड़ी (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur Zila News: जिला परिषद नागपुर द्वारा कार्यान्वित क्रांतिकारी पहल ‘मिशन बाल भरारी’ का शुभारंभ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पालक मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, वित्त राज्य मंत्री आशीष जायसवाल, विधायक समीर मेघे, विधायक संजय मेश्राम, संभागीय आयुक्त महालक्ष्मी बिदारी और जिला कलेक्टर विपिन इटनकर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस पहल के तहत हिंगना तहसील के वडधामना में भारत की पहली एआई-सक्षम आंगनवाड़ी शुरू की गई। वडधामना में बच्चों को अब वीआर हेडसेट, एआई-सक्षम स्मार्ट डैशबोर्ड और इंटरैक्टिव डिजिटल सामग्री जैसी अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके कविताएं, गीत और पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। यह सुविधा प्रीमियम निजी आंगन वाडियो में भी उपलब्ध नहीं है।
वडधामना में रानी दुर्गावती आंगनवाड़ी भारत में पहली पायलट योजना है, और आंगनवाड़ी माताओं को इन स्मार्ट उपकरणों को प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। ‘मिशन बाल भरारी’ के तहत, जिला परिषद नागपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनायक महामुनि के नेतृत्व में नागपुर जिले में 40 और एआई आंगनवाड़ी शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
इस पहल के पीछे भावनात्मक संकल्प ग्रामीण और शहरी शिक्षा के बीच की खाई को पाटना और हर बच्चे को उत्साह, खुशी और जिज्ञासा के साथ सीखने में सक्षम बनाना है। जिससे महाराष्ट्र में बाल शिक्षा में एक ऐतिहासिक बदलाव आएगा। यह बात उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी कैलाश घोडके ने व्यक्त की।
इस आंगनवाड़ी के आभासी उद्घाटन के बाद जिला परिषद नागपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनायक महामुनि ने आज 5 अगस्त को आधुनिक आंगनवाड़ी वडधामना का दौरा किया और आंगनवाड़ी का निरीक्षण किया व बच्चों के साथ बातचीत की। डॉ. कैलास घोडके, उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैलास घोडके, हिंगना समूह विकास अधिकारी संदीप गोडशलवार, बाल विकास परियोजना अधिकारी सुशांत गाडेवार, सरपंच धीरज अंबटकर, ग्राम सेवक रोशन डाखोले, पर्यवेक्षक सुजाता महंत, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सरोज कुकड़े उपस्थित थे।
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छात्रों को देश का भविष्य कहा जाता है। लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों की सुरक्षा के प्रति प्रशासन गंभीर नहीं दिखाई दे रहा है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की जिप स्कूलों में संरक्षण दीवार नहीं होने की जानकारी है। जिसके कारण छात्रों के सुरक्षा का प्रश्र निर्माण हो गया है। सरकार के आदेश के अनुसार छात्रों को शिक्षा के साथ सुरक्षितता भी देना बेहद जरूरी है। लेकिन अनेक जिप स्कूलों को संरक्षण दीवार नहीं होने के कारण इन स्कूलों में शिक्षा लेने वाले छात्र असुरक्षित है। जिससे जिप स्कूलों में सुरक्षा दीवार निर्माण करने की मांग हो रही है।