नागपुर. स्वतंत्र विदर्भ राज्य के निर्माण, 200 यूनिट तक बिजली बिल से विदर्भ की जनता को मुक्त करने, बिजली कम करने, ऊर्जा विभाग 1,200 करोड़ की सब्सिडी वितरित करने, अमरावती में लघु उद्योग विकास महामंडल कार्यालय बंद करने का निर्णय तत्काल वापस लेने आदि सहित विविध मांगों को लेकर विदर्भवादियों ने वेरायटी चौक पर मानव शृंखला आंदोलन किया. वामनराव चटप के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन में बड़ी संख्या में विदर्भवादी शामिल हुए.
उन्होने कहा कि नागपुर में होने वाले सारे अधिवेशन को मुंबई ले जाया गया, जिससे विदर्भ की समस्याओं की अनदेखी की गई. आंदोलन के दौरान महाराष्ट्र सरकार वापस जाओ, जुल्मी सरकार वापस जाओ के नारे लगाए गए. उन्होंने कहा कि 11 मार्च को नागपुर स्थित केन्द्र सरकार संकुल का घेराव किया जाएगा.
आंदोलन के दौरान सभी विदर्भवादियों को स्वतंत्र विदर्भ राज्य की शपथ दिलाई गई. 1 मई महाराष्ट्र राज्य स्थापना दिवस के दिन विदर्भ में महाराष्ट्र के फलक मिटाकर उसमें विदर्भ लिखने का आंदोलन किया जाएगा. आंदोलन में रंजना मामर्डे, मुकेश मासूरकर, प्रवीर कुमार चक्रवर्ती, प्रभाकर कोंडबत्तूनवार, सुनील वडस्कर, तात्यासाहेब मते, सुनीता येरणे, सुनील चोकारे, विष्णू आष्टीकर, रमेश गजबे, कृष्णाजी भोंगाडे, मधुसूदन कोवे, अमित नेवले, सुरेश वानखेडे, राजेंद्र ठाकुर, अरुण मुनघाटे, नासिर जुमन शेख, रेखा निमजे, अशोक पोरेड्डीवार, अविनाश काले, गणेश शर्मा, राजेंद्र संताजी, रजनी शुक्ला, शोभा येवले, विजय मौदेकर, प्यारूभाई, योगेश मुर्हेकर, नितिन अवस्थी, मुन्ना आवले, गंगाधर खीरडकर, नागसेन खंडारे, प्रीति दिडमुठे सहित बड़ी संख्या में विदर्भवादी शामिल हुए.