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नागपुर. दीक्षाभूमि चौक से लेकर अलंकार चौक (वीआईपी) तक सीमेंट रोड का निर्माण किया जा रहा है. इसकी गुणवत्ता निम्न स्तर की होने तथा इसमें ठेकेदार द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाते हुए राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के राष्ट्रीय संयोजक अधि. अक्षय समर्थ के नेतृत्व में स्थानीय लोगों का शिष्टमंडल मनपा के अतिरिक्त आयुक्त राम जोशी से मिला. शिष्टमंडल ने इस सीमेंट रोड निर्माण की सघन जांच कर दोषी पाए जाने पर ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की. साथ ही ठेकेदार द्वारा किए जा रहे कार्यों का भुगतान नहीं करने की मांग भी की.
शिष्टमंडल में काचीपुरा और रामदासपेठ के लोगों में रामप्रसाद चौधरी, मूलचंद बैसवारे, रवीन्द्र भावे, सोहन कोकोडे, राजेश शाक्य, ओमकार शेंडे, शुभम खवशी, अधि. अश्विना शेरकुरे आदि शामिल थे. चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण से पूर्व नियमों के अनुसार स्क्रैपिंग की जानी चाहिए थी, जबकि केवल 2-3 इंच ही स्क्रैपिंग की गई है. जिस पर स्थानीय लोगों की ओर से उसी समय आपत्ति दर्ज कर ठेकेदार को आगाह किया गया था.
चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि सीमेंट रोड निर्माण से पूर्व खुदाई नहीं होने के कारण अब रोड की ऊंचाई अधिक और आसपास की जगह नीचे हो गई है. इसके अलावा जिस तरह से लोहे का उपयोग किया जाना चाहिए था, वह नहीं किया गया. निकृष्ट स्तर का कच्चा माल उपयोग किए जाने से अब सीमेंट रोड की उपरी सतह ऊबड़खाबड़ हो चुकी है. इसका निर्माण किए जाने के बाद उसे अच्छी तरह से पानी देना जरूरी है, जबकि क्यूरिंग के लिए कैरियां तैयार नहीं की गईं. सीमेंट रोड पर केवल बोरे बिछाकर पानी दिया गया.
उन्होंने कहा कि ठेकेदार को दिए गए कार्यादेश के अनुसार 15 माह में निर्माण होना चाहिए था किंतु 45 माह बीतने के बावजूद सड़क का काम पूरा नहीं हो पाया है. जगह-जगह काम अधूरा होने के कारण वाहन चालकों को हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ठेकेदार की ओर से कुछ दिन काम शुरू रखा जाता है और कुछ दिन बंद रहता है. सड़कों के बीच ही गट्टू रखे जाने से कई बार दुर्घटनाएं हो रही हैं. सड़क के जिस हिस्से में निर्माण होना है उसमें बैरिकेडिंग करना जरूरी है. लेकिन न तो बैरिकेड लगाए गए और न ही सुरक्षा गार्ड तैनात किया गया है. सूचना के अधिकार के तहत मनपा से इस पूरे कार्य की जानकारी मांगी गई थी किंतु जानकारी नहीं दी गई.
अधि. समर्थ ने कहा कि सर्वप्रथम इस मामले की जोन में पूछताछ की गई थी. आरटीआई के तहत जानकारी मांगे जाने पर अधिकारी सचेत हो गए. ठेकेदार से साठगांठ होने के कारण अधिकारियों ने तुरंत ही रनिंग बिल के भुगतान के लिए फाइल वित्त विभाग को भेज दी. आरटीआई में जानकारी लेने के बाद रोड को लेकर आपत्ति जताने की अधिकारियों को आशंका के चलते ही आनन-फानन में फाइल को भुगतान के लिए भेजा गया. अत: सर्वप्रथम सीमेंट रोड निर्माण की गुणवत्ता की जांच करने, काम में लापरवाही पाए जाने पर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई.