फसल बीमा का प्रीमियम बढ़ा, 72.9% किसानों ने किया किनारा
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana News: प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई और किसानों को आर्थिक सहारा देने के उद्देश्य से सरकार ने फसल बीमा योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत किसानों को बेहद कम प्रीमियम में अपनी फसल का बीमा कराने की सुविधा दी जाती है लेकिन अब किसानों का इस योजना से भरोसा उठता दिखाई दे रहा है।
पिछले साल सरकार ने महज 1 रुपये प्रीमियम में फसल बीमा उपलब्ध कराया था। इससे किसानों में उत्साह का माहौल था और नागपुर जिले में करीब 2,69,000 किसानों ने बीमा कराया था। यह आंकड़ा योजना की सफलता का संकेत माना जा रहा था लेकिन इस वर्ष प्रीमियम की राशि अचानक बढ़ जाने से किसानों ने इससे दूरी बना ली।
वर्तमान में महज 72,906 किसानों ने ही फसल बीमा निकाला है। इसका सीधा असर आंकड़ों में देखने को मिल रहा है। तुलना करें तो पिछले साल की अपेक्षा इस साल बीमा कराने वाले किसानों की संख्या में 1,96,094 की कमी दर्ज हुई है यानी 72.9 प्रतिशत की गिरावट आयी।
किसानों का कहना है कि योजना में शामिल होने के बावजूद कई बार मुआवजा समय पर नहीं मिलता। ऊपर से अब प्रीमियम राशि भी बढ़ गई है जिससे यह योजना उनके लिए बोझ बन गई है। उनका मानना है कि यदि सरकार वाकई किसानों को सहारा देना चाहती है तो प्रीमियम पहले की तरह न्यूनतम रखा जाए और नुकसान की भरपाई समय पर हो।
फसल | बीमा रकम (रुपए/हेक्टेयर) | किसान भागीदारी (रुपए/हेक्टेयर) |
---|---|---|
ज्वारी | 33,000 | 82.50 |
मूंगफली | 45,000 | 112.50 |
सोयाबीन | 58,000 | 580.00 |
मूंग | 28,000 | 70.00 |
उड़द | 25,000 | 62.50 |
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कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि फसल बीमा योजना किसानों के लिए सुरक्षा कवच है लेकिन लगातार बढ़ते प्रीमियम और जटिल प्रक्रिया ने इसे किसानों के लिए आकर्षक नहीं रहने दिया है। यदि सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में किसान इस योजना से पूरी तरह मुंह मोड़ सकते हैं।