मेडिकल ने मनपा को सौंपी बॉडी फिर हुआ अंतिम संस्कार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: कोविड महामारी के दौरान केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इलाज सहित एकांतवाश, मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार के लिए दिशा निर्देश जारी किये थे। उस वक्त किसी मरीज की मृत्यु होने पर परिजनों को बॉडी नहीं दी जाती थी। मनपा द्वारा ही अंतिम संस्कार किया जाता था। वर्तमान में कोविड सामान्य बीमारी हो गई है। हर महीने में जहां 4-5 मरीज मिलते हैं, वहीं मृत्यु भी होती है। लेकिन प्रोटोकॉल केवल सरकारी अस्पतालों के लिए ही लागू है।
जबकि प्राइवेट अस्पतालों में मृत्यु होने पर परिजनों को बॉडी सौंप दी जाती है। इसी तरह का एक मामला मेडिकल में सामने आया। कोविड से मृत्यु के बाद परिजन शव को अपने साथ लेकर जाने के लिए भटकते रहे, लेकिन मेडिकल प्रशासन ने शव मनपा को सौंप दिया। मनपा के संबंधित विभाग ने ही शव का अंतिम संस्कार किया।
मध्य प्रदेश के पाडुरंना के पास कवरिया गांव का 70 वर्षीय चिरोंजी पारेवार नामक मरीज सर्दी, जुकाम से पीड़ित था। इस बीच उसे माइनर हार्ट अटैक आया। स्थानीय अस्पताल में जांच के बाद उसे मेडिकल रेफर किया गया। सोमवार को उसे भर्ती किया गया। सांस लेने में तकलीफ के बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
साथ ही उसकी रिपोर्ट कोविड पाजिटिव आई। मरीज में कोरोना के लक्षण सामान्य थे। जबकि परिजनों में से कोई भी बीमार नहीं है। मृत्यु के बाद परिजनों ने शव को अपने साथ गांव लेकर जाने की मांग की लेकिन नहीं दिया गया। पोस्ट मार्टम के बाद शव को मनपा के हवाले किया गया। मनपा द्वारा शव का अंतिम संस्कार किया गया।
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शुरूआत में तो परिजनों को समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है। क्योंकि कोविड अब लगभग खत्म हो गया है। साथ ही इलाज के वक्त भी सामान्य मरीजों की तरह ही ट्रिटमेंट दिया जाता है। इसके बावजूद मृत्यु के बाद परिजनों को शव नहीं सौंपा जाता। सूत्रों की माने तो सरकारी नियम का पालन केवल सरकारी अस्पताल में होने वाली मौत के वक्त ही किया जाता है। जबकि प्राइवेट अस्पतालों में होने वाली मौत के बाद परिजनों को शव सौंप दिया जाता है। इसके पीछे डाक्टरों का तर्क होता है कि केवल कोविड से ही मृत्यु नहीं हुई है, बल्कि कोविड के साथ ही अन्य बीमारियां भी हुई थी।
इस बारे में मनपा के अधिकारियों का कहना है कि कोविड के वक्त जारी किये गये नोटिफिकेशन के आधार पर ही अब तक व्यवस्था चल रही है। सरकार द्वारा बदलाव के बारे में कोई नया नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। यही वजह है कि सरकारी अस्पताल किसी भी मरीज की कोविड से मौत होने पर नियमों का पालन करते हुए मनपा को शव सौंप देते हैं। लेकिन इस समूची प्रक्रिया में परिजनों को आफत हो जाती है। अन्य जिलों से आने वाले मरीजों की मुसीबत बढ़ जाती है।