मुख्यमंत्री के विश्वासपात्र संदीप जोशी को मिला धैर्य का फल। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विश्वासपात्र पूर्व महापौर संदीप जोशी को विधान परिषद के लिए भाजपा का उम्मीदवार घोषित किया गया है। संघ के स्वयंसेवक से महापौर तक का सफर तय करने वाले जोशी का पश्चिम नागपुर और दक्षिण-पश्चिम नागपुर में मजबूत जनसंपर्क है। उनके समर्थकों ने उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट दिलाने के लिए कड़ी मेहनत की। हालाँकि, जोशी धैर्य बनाए रखते हुए पार्टी की भलाई के लिए काम करते रहे। इसका फल उन्हें विधान परिषद की उम्मीदवारी के रूप में मिला है।
उन्होंने महाराष्ट्र राज्य लघु उद्योग विकास निगम के अध्यक्ष का दायित्व भी संभाला। कोरोना काल में महापौर रहते हुए संदीप जोशी और तत्कालीन मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे के बीच हुआ विवाद जगजाहिर रहा था। जब देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री थे, तब जोशी को उनके कार्यालय में मानद सचिव के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी मिली थी। जब 2024 के विधानसभा चुनावों की घोषणा हुई, तो उनके समर्थक पश्चिम नागपुर से उनकी उम्मीदवारी की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए। हालांकि, जोशी ने उन्हें शांत किया और उनसे पार्टी के लिए काम करने की अपील की।
जोशी के राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और खेल जगत में आपराधिक संबंध हैं। उन्होंने ‘विजन नेक्स्ट फाउंडेशन’, ‘युवा जेईपी प्रतिष्ठान’, ‘दीनदयाल रुग्ण सेवा परियोजना’, ‘प्रो. राजेंद्र सिंह विज्ञान अन्वेषण केंद्र’, ‘ऋणधर चैरिटेबल सोसाइटी’ आदि संगठनों के माध्यम से सामाजिक क्षेत्र में मौलिक कार्य किया है। इन सभी कारकों पर विचार करते हुए पार्टी ने अंततः उनके नाम को मंजूरी दे दी।
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2020 में संदीप जोशी को विधान परिषद के स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से मनोनीत किया गया। वह कांग्रेस के अभिजीत वंजारी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। हालांकि, जोशी को इस निर्वाचन क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा, जो भाजपा का गढ़ है।
स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में संदीप जोशी ने नागपुर नगर निगम में एक अलग कीर्तिमान स्थापित किया। उनका पहला कार्यकाल समाप्त होने के बाद, उन्हें 2011-12 में पुनः स्थायी समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह नगर निगम के 52 साल के इतिहास में लगातार दूसरी बार स्थायी समिति के अध्यक्ष बनने वाले पहले पार्षद बने।