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नागपुर. आरटीओ अधिकारी को धमकाकर 25 लाख रुपये वसूलने के मामले में फरार आरोपी चंद्रशेखर भोयर को एसीबी की टीम ने इंदौर से गिरफ्तार कर लिया. ज्ञात हो कि विगत 28 मार्च को एसीबी की टीम ने आरटीओ अधिकारी की शिकायत पर दिलीप खोड़े नामक मंत्रालय के बाबू को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था लेकिन ट्रैप के समय भोयर वहां मौजूद नहीं था. एसीबी ने भोयर को भी आरोपी बनाया लेकिन ट्रैप के बाद से वह फरार था.
सोमवार को जांच टीम को जानकारी मिली कि भोयर इंदौर में छिपा बैठा है. तुरंत एक टीम इंदौर रवाना हुई. सोमवार रात दस्ते ने भोयर को गिरफ्तार कर लिया. मंगलवार को उसे नागपुर लाकर एसीबी की विशेष अदालत में पेश किया गया. अदालत ने उसे 10 अप्रैल तक एसीबी की हिरासत में भेज दिया है. मामले में पहले पकड़ा गया दिलीप खोड़े पहले से ही एसीबी की हिरासत में है.
न्यायालय ने उसे 8 अप्रैल तक हिरासत में रखने के आदेश दिए थे. भोयर इसके पहले एमएलसी का चुनाव लड़ चुका है. वह बहुत कम मतों से वह पराजित हुआ था लेकिन सभी बड़ी पार्टियों के नेताओं से उसके संबंध है. भोयर की नागपुर, अमरावती, वर्धा और मुंबई के बांद्रा में संपत्ति होने की जानकारी मिली है. इस मामले में कांग्रेस के एमएलसी वजाहत मिर्जा भी मुश्किल में आ सकते हैं. मिर्जा के नाम पर खोड़े और भोयर ने आरटीओ अधिकारी से 1 करोड़ रुपये मांगे थे.
सूत्रों का दावा है कि मिर्जा के खिलाफ भी पर्याप्त सबूत मिले हैं. जिस दिन एसीबी ने ट्रैप लगाया था मिर्जा भी नागपुर में थे. रवि भवन में मिर्जा और आरटीओ अधिकारी के बीच बातचीत भी हुई. आगे की बात आप लोग कर लो कहकर मिर्जा वहां से चले गए. एसीबी के वेरिफिकेशन में भी मिर्जा की भूमिका सामने आ रही है. दावा किया जा रहा है कि इस मामले में मिर्जा की भी गिरफ्तारी हो सकती है.