WCL में हेराफेरी का मामला (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur News: वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) के मेडिकल सुपरिटेंडेंट (MS) और केमिस्ट के खिलाफ भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून की धाराओं सहित धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के बाद अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीम आर्थिक लेन-देन का पता लगा रही है। ज्ञात हो कि सीबीआई ने डब्ल्यूसीएल के एमएस डॉ. पृथ्वी कृष्णा पट्टा और सद्गुरु मेडिकल स्टोर के संचालक कमलेश एन. लालवानी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
दोनों मेडिकल बिल में हेराफेरी करके अवैध कमाई कर रहे थे। कई महीनों से इस प्रकरण की गोपनीय जांच की जा रही थी। लालवानी ने डब्ल्यूसीएल हेडक्वार्टर में मार्च 2025 का 1,55,443 रुपये का बिल पेश किया था। डब्ल्यूसीएल के अधिकारियों को इसमें हेराफेरी का संदेह हुआ और पेमेंट रोक दिया गया।
इसके बाद डब्ल्यूसीएल के विजिलेंस विभाग और सीबीआई की टीम ने पंच के साथ पट्टा के कार्यालय में दबिश दी जिसमें पाया गया कि पट्टा ने डब्ल्यूसीएल में कार्यरत कर्मचारी मरीजों को जो दवाएं लिखकर दीं और जो बिल पेश किए गए उनकी राशि में गड़बड़ी है। सद्गुरु मेडिकल स्टोर से मरीजों को दवाएं देने के बाद बिल में महंगी दवाओं का नाम और राशि दर्ज की जाती थी, जबकि मरीजों के बयानों में पता चला कि ऐसी कोई दवा ही उन्हें नहीं दी गई।
यह केवल एक महीने का बिल था। अब सीबीआई की टीम पट्टा के कार्यभार संभालने से लेकर अब तक के सभी बिलों की जांच कर रही है। इसके साथ ही लालवानी और पट्टा के बीच हुए व्यवहारों का भी पता लगाया जा रहा है। सीबीआई ने दोनों के खातों की डिटेल्स ली है। केवल 1 माह के बिल में 51,435 रुपये की हेराफेरी सामने आई है।
इससे साफ है कि पट्टा ने अपने पद का दुरुपयोग करके निजी लाभ लिया है। लालवानी के साथ मिलकर यह काम किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि और भी लोग अब जांच के घेरे में आ सकते हैं। सीबीआई के साथ अब डब्ल्यूसीएल भी प्रकरण की बारीकी से जांच कर रहा है।
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नागपुर में कॉन्फिडेंस समूह में आयकर विभाग की कार्रवाई दूसरे दिन भी जारी रही। सभी 5 ठिकानों में दूसरे दिन भी अधिकारी छानबीन करते हुए देखे गए। छापेमारी के कारण अधिकांश कर्मचारियों को कार्यालय नहीं आने को कहा गया है, ताकि कार्रवाई में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न न हो। मुख्य कार्यालय से 5 करोड़ की नकदी मिलने की भी जानकारी सामने आ रही है। कई लॉकर्स का भी पता चला है जिन्हें खोला जाना बाकी है।
इस बीच सूत्रों ने बताया कि पहले दिन की कार्रवाई में विभाग के हाथ काफी कुछ दस्तावेज मिले हैं, इसलिए मुंबई से और अधिकारियों को बुलाया गया है। इसी प्रकार नागपुर कार्यालय से भी अधिकारियों को बुलाकर कार्रवाई में शामिल किया गया है। जानकारों का कहना है कि अत्यधिक दस्तावेज मिलने के कारण विभाग ने अधिकारियों की संख्या बढ़ाई है। कार्रवाई आगे भी 3-4 दिनों तक चलने का अनुमान लगाया जा रहा है।