सड़क पर आबाद भोईपुरा मछली बाजार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nagpur News: सिटी में अनेक अविकसित बाजारों की तरह ही सड़क पर लगने वाला भोईपुरा मछली बाजार भी लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है। चारों तरफ बिखरी गंदगी और मछली के कचरे से दिनभर उठती बदबू के कारण रहवासियों का क्षेत्र में रहना मुश्किल हो गया है। सदर स्थित मंगलवारी बाजार के पास मार्केट तो बना दिया गया लेकिन यहां पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने के चलते मछली व्यापारी जाना नहीं चाहते।
वहीं महल में बना मछली बाजार भी कबाड़ हालत में पड़ा है। जैसे-जैसे मार्केट बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे लोगों की हालत खराब होते जा रही है। बाजार को हो रही परेशानी को लेकर नागरिकों ने प्रशासन से भी गुहार लगाई लेकिन इस पर प्रशासन द्वारा किसी तरह से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बजबजाती गंदगी और दुर्गंध के कारण छोटे से लेकर बड़ों तक के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। यहां किसी तरह के बाजार का कोई प्रारूप नहीं है। थोक व चिल्लर व्यापारी अपनी सुविधा अनुसार सड़कों पर अपनी दुकानें लगाकर बाजार लगाकर बैठ जाते हैं।
भोईपुरा बजरिया में बढ़ता अतिक्रमण, मछली से निकलने वाला कचरा और मरी हुईं मछलियों के कारण पूरे क्षेत्र की हालत खराब हो गई है। मछली से निकलने वाले खून और धोने के कारण दिनभर गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है। इस गंदगी से होकर नागरिकों को गुजरना पड़ता है। बच्चों को इसी के बीच में होकर स्कूल, क्लास जाना पड़ता है।
मछली व्यापारियों की बढ़ती संख्या के कारण स्थिति और अधिक खराब होती जा रही है। भुगतभोगी नागरिकों का कहना है कि यहां से मछली व्यापार को हटाकर सदर में बनाये गये बाजार में स्थानांतरित किया जाना चाहिए। तब जाकर हम सभी को राहत मिलेगी। नागरिकों और व्यापारियों के बीच थोड़ी-थोड़ी बातों पर लड़ाई-झगड़ा तक हो जाते हैं। स्थिति खराब होती जा रही है लेकिन प्रशासन है कि कुछ करना ही नहीं चाहता। बाजार मेयो हॉस्पिटल के सामने, मेट्रो स्टेशन तक पहुंच गया है।
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नागरिकों के अनुसार बाहर से माल लाने वाली गाड़ी अनलोडिंग होने तक रास्ता जाम हो जाता है। इससे स्थिति और अधिक खराब हो जाती है। लोगों को गाड़ी निकालना तक मुश्किल हो जाता है। सड़कों पर गाड़ी रखकर घर की तरफ जाना पड़ता है। इतना होने के बाद भी प्रशासन कुंभकर्णी नींद में सो रहा है। प्रशासन को यहां के नागरिकों की खराब होती हालत और मार्केट के बीच सड़क पर किये जाने वाले अतिक्रमण को देखते हुए यहां के व्यापारियों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
कहने को तो यह स्मार्ट है लेकिन यहां के मार्केट स्मार्ट नहीं होने की वजह से नागरिकों की हालत खराब होती जा रही है। अन्य दिनों की अपेक्षा मार्केट में रविवार, मंगलवार, बुधवार और शुक्रवार को जमकर भीड़ रहती है जिससे यहां के लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।
सड़क पर लगने वाले मार्केट में बड़ी-बड़ी गाड़ियों से माल आता है जिससे क्षेत्र के बच्चों के साथ नागरिकों पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है। मार्केट में 10 से 15 टन माल आता है। प्रशासन की अनदेखी के कारण यहां पर अतिक्रमण का जाल फैलता जा रहा है।अन्य स्थानों पर कार्रवाई की जा रही है लेकिन इस क्षेत्र में किसी तरह से ध्यान नहीं दिया जा रहा है।