चंद्रशेखर बावनकुले (सौजन्य-सोशल मीडिया)
नागपुर: शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामना में महात्मा ज्योतिबा फुले पर बनी फिल्म की रिलीज के संदर्भ में अग्रलेख प्रकाशित किया गया है। इसमें कुछ ब्राह्मणवादी संगठनों द्वारा विरोध का उल्लेख करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ‘फुले विरुद्ध फडणवीस’ दिखाते हुए घेरने का प्रयास किया गया है। इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने शिवसेना यूबीटी सहित बिना नाम लिए संजय राउत को जमकर आड़े हाथ लिया।
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि राज्य की जनता ने विधानसभा चुनाव में उन्हें सबक सिखाया, फिर भी अक्ल ठिकाने नहीं आई। उद्धव ठाकरे की समझ में ही नहीं आ रहा है कि नए महाभारत में सोने का ढोंग करने वाला संजय बिना काम का है। सब कुछ खत्म होने के बाद इसका ध्यान आएगा लेकिन वे कुछ कर नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे कभी राज्य के मुख्यमंत्री थे। आज उनकी स्थिति ऐसी है कि इस बात पर भी विश्वास नहीं।
‘सामना’ में बीते कुछ दिनों से जो अग्रलेख लिखे जा रहे हैं वे उद्धव ठाकरे को राजनीतिक दृष्टि से खत्म करने के लिए संजय राउत द्वारा लिखे जा रहे हैं। यह शंका खुद ठाकरे के करीबी व्यक्ति द्वारा व्यक्त की जा रही है। उन्होंने बिना नाम लिए राउत के संदर्भ में कहा कि अक्ल का अंधा…मतलब कौन, यह महाराष्ट्र की जनता अच्छी तरह जानती है। वह बिना मतलब का पोंगा, जो रोज सुबह उठकर मैं कितना ग्रेट, गंभीर व बुद्धिजीवी हूं, यह जताने का प्रयास करता है।
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बावनकुले ने कहा कि आज उसने महाराष्ट्र में झगड़ा लगाने का असफल प्रयास किया। उनकी बुद्धि भ्रष्ट हो गई है। सत्ता गंवाने वाला व्यक्ति कितना दिशाहीन हो जाता है, अनाप-शनाप कहने लगता है, यह दिख रहा है। उन्होंने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले पर बनी फिल्म पर उसने सीएम देवेंद्र फडणवीस पर निराधार आरोप किया जबकि फडणवीस की महायुति सरकार ने ही क्रांतिसूर्य महात्मा ज्योतिबा फुले व क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले को ‘भारत रत्न’ देने की सिफारिश विधानसभा में प्रस्तावित कर केन्द्र सरकार से की है। जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने इस संदर्भ में कुछ नहीं किया। अब उनके चेले-चपाटे ‘फुले विरुद्ध फडणवीस’ का आरोप लगा रहे हैं।