बोधिसत्व नागार्जुन बुद्ध महोत्सव का उत्साह।
नागपुर: बोधिसत्व नागार्जुन के महाविहार में आयोजित बुद्ध महोत्सव ने हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित किया। इस उत्सव का आयोजन दीक्षाभूमि स्मारक समिति के अध्यक्ष धम्मसेना नायक भदंत आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई की अगुवाई में हुआ। ससाई ने इस अवसर पर मनसर पहाड़ी के अंतर्गत छिपे रहस्यों की चर्चा की और भारतीय पुरातत्व विभाग से शोध करने की अपील की, जिससे पर्यटकों और शोधकर्ताओं की संख्या में बढ़ोतरी हो सके।
सृजनात्मक भाषण देते हुए, ससाई ने कहा, “मनसर पहाड़ी के नीचे वाकाटक और सातवाहन काल की एक प्राचीन झील है, जिसके भीतर एक बौद्ध स्तूप छिपा हुआ है। लेकिन जंगलों के बढ़ने के कारण, यह झील अब नजर नहीं आती।” उन्होंने आगे कहा कि यदि पुरातत्व विभाग तकनीकी दृष्टिकोण से इस झील और पहाड़ी के रहस्यों का उद्घाटन करे तो इससे पर्यटकों की रुचि में इजाफा हो सकता है।
उत्सव के दौरान, नागपुर और विदर्भ के अनुयायी सफेद वस्त्र पहनकर शामिल हुए, जबकि पंचशील ध्वज ने वातावरण को और भी आकर्षक बना दिया। इस कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था हेतु पुलिस भी तैनात थी। ससाई और भिक्खु संघ द्वारा प्रार्थना के बाद, उपस्थित जनसमुदाय को नागार्जुन का प्राचीन इतिहास सुनाया गया। अनुयायियों ने एक से बढ़कर एक गीतों पर झूमते हुए अपनी श्रद्धा प्रकट की।
महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
इस बात का विशेष उल्लेख किया गया कि भंते नागसेन, भंते महानाग, भंते मिलिंद, भंते धम्मविजय तथा कई अन्य भिक्षु एवं भिक्षुणियां भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उनके अलावा, अंबेडकरी अनुयायी, उपासक और उपासिकाओं की हजारों की भीड़ ने इस महोत्सव को और अधिक भव्य बना दिया।
कार्यक्रम की सफलता हेतु धम्मसेना के पदाधिकारियों रवि मेंढे और नन्ना सवाईथुल का विशेष योगदान रहा। भदंत ससाई का यह दावा कि मनसर पहाड़ी के गहराई और लंबाई के बारे में विस्तृत जांच होने से पर्यटकों का आकर्षण बढ़ेगा, इस महोत्सव का प्रमुख विषय बन गया।