एट्रोसिटी के मामलों को तत्काल निपटारा करें। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अधिकांश मामले अदालत और पुलिस जांच लंबित हैं। विभिन्न न्यायालयों में लंबे समय से लम्बित मामलों का समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार निपटारा किया जाए, ऐसे निर्देश अधिकारियों को गुरुवार को संभागीय आयुक्त विजयलक्ष्मी बिदरी ने दिए।
संभागीय आयुक्त कार्यालय के हॉल में अनुसूचित जाति, जनजातीय अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत लंबित मामलों की समीक्षा संभागीय सतर्कता एवं नियंत्रण समिति की बैठक में विजयलक्ष्मी बिदरी ने की। इस दौरान मार्गदर्शन करते हुए वे बोल रही थीं। 1989 से अब तक विभाग में 8 हजार 452 मामले पंजीकृत किए गए हैं। इनमें से 6 हजार 948 मामलों में 67 करोड़ 7 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई। जो मामले लंबित हैं, उनका निपटारा किया जाना चाहिए, इस बार उन्होंने ऐसे निर्देश दिए।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर तुषार ठोंबरे, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. हर्ष पोद्दार, समाज कल्याण विभाग के क्षेत्रीय उपायुक्त बाबासाहेब देशमुख, सरकारी वकील प्रशांत सखारे, सहायक आयुक्त सुकेशिनी तेलगोटे, पुलिस विभाग की ललिता तोडसे, हेमंत कुमार खराबे, सदाशिव वाघमारे, गिरिजा उइके तथा रिमोट व्यूइंग सिस्टम के माध्यम से नागपुर संभाग के जिला कलेक्टर, पुलिस उपमहानिरीक्षक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पुलिस अधीक्षक समाज कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त उपस्थित थे।
पिछले 5 से 10 वर्षों से न्यायालयों में लंबित मामले इस मामले में सरकारी वकील रिपोर्ट प्रस्तुत करें तथा मामलों की वर्तमान स्थिति प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए बिदारी ने कहा, एट्रोसिटी के अंतर्गत पंजीकृत अपराधों के संबंध में अपराध नहीं किया जाना चाहिए। इसके लिए जिला स्तर पर कार्यशाला का आयोजन किया जाए। तथा अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत आर्थिक सहायता के मामलों का तत्काल निपटारा किया जाए। वहीं उप-विभागीय राजस्व अधिकारी स्तर पर नियमित बैठकें आयोजित करके लंबित मामलों का निपटारा तत्काल करने के निर्देश बिदारी ने दिए।
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अप्रैल से दिसंबर 2024 तक नागपुर संभाग में 293 मामले सामने आए हैं। इसमें अनुसूचित जाति से संबंधित 208 मामले और अनुसूचित जनजाति से संबंधित 85 मामले शामिल हैं। 64 मामले पुलिस जांच के अधीन हैं। इसलिए 223 मामले अदालत में लंबित हैं, ऐसी जानकारी विभागीय समाज कल्याण उपायुक्त बाबासाहेब देशमुख ने दी।