नागपुर मेट्रो भवन पर ठेका कर्मियों का आंदोलन। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
नागपुर: मेट्रो कर्मचारियों को केंद्र सरकार की तर्ज पर वेतन दिया जाए, इस मांग को लेकर शुक्रवार को लगभग 700 संविदा कर्मचारियों की ओर से मेट्रो भवन पर विरोध मार्च निकाला गया। वेतन वृद्धि को लेकर कर्मचारियों ने नागपुर मेट्रो के प्रबंध निदेशक श्रावण हार्डिकर को ज्ञापन सौंपकर अपना रोष व्यक्त किया।
यदि 10 दिन के भीतर समाधान नहीं निकला तो और भी तीव्र विरोध आंदोलन करने की चेतावनी इस दौरान कर्मचारियों ने प्रशासन को दी। नागपुर मेट्रो रेल संविदा कर्मचारी संघ ने संविदा कर्मचारियों को केंद्र सरकार के अनुसार वेतन दिया जाना चाहिए। इसके लिए अनेक पत्राचार और विरोध प्रदर्शन किए गए।
2019 तक नागपुर मेट्रो में संविदा कर्मचारियों को केंद्रीय स्तर पर वेतन मिल रहा था। लेकिन फिर कर्मचारियों को कोई पूर्व सूचना दिए बिना राज्य सरकार के दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम के अनुबंध के अनुसार केवल संविदा कर्मचारियों का वेतन निर्धारण कर वेतन कम किया गया। साथ ही मेट्रो के जो अधिकारी और कर्मचारी स्थायी रूप से काम कर रहे हैं।
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उन्हें केंद्र के अनुसार लाखों रुपए का भुगतान किया जा रहा है। वहीं स्टेशन पर काम करने वाले संविदा कर्मचारी जिनमें हाउसकीपिंग, सुरक्षा गार्ड और टिकट विक्रेता हैं, उन्हें न्यूनतम मजदूरी का भुगतान राज्य सरकार की दुकानों और प्रतिष्ठानों द्वारा किया जा रहा है। संगठन ने इस संबंध में कई बार मेट्रो प्रशासन को पत्र लिखकर अवगत कराया है। लेकिन पिछले 4 वर्षों से यह देखा जा रहा है कि मेट्रो प्रशासन इस मामले में उपेक्षा करता आ रहा है।
विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व नागपुर मेट्रो रेल संविदा कर्मचारी संघ की संरक्षक शिवानी दानी, भारतीय मजदूर संघ के महामंत्री गजानन गटलेवार, अध्यक्ष महेश खंडारे, महासचिव नितिन कुकड़े, उपाध्यक्ष रोहित नारनवारे, सचिव आशीष समुद्रवार, शुभम वेलंकीवार, अभिषेक खुले, आयोजन सचिव प्रांजल चौधरी, सदस्य आकाश भीमटे, रिकू वेखंडे, नीलेश कोढे समेत अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।