एकनाथ शिंदे और अनिल परब (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Water Conservation Department: राज्य के जल संधारण विभाग में टेंडरों में भारी भ्रष्टाचार का मामला विप सदस्य अनिल परब ने उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन ठेकेदारों की बिड कैपेसिटी नहीं थी उन्हें भी कई गुना रेट पर कार्य के ठेके दिए गए हैं।
उन्होंने उदाहरण के तौर पर मौजे सारंगवाड़ी (जिला बुलढाना) और वैभववाड़ी (जिला सिंधुदुर्ग) के कार्यों में हुई अनियमितता सदन में प्रश्नोत्तर के माध्यम से रखी। उन्होंने कहा कि जिस निविदा की कीमत 10 करोड़ थी उसे बढ़ाकर 80 करोड़ तक पहुंचाया गया। ऐसा प्रकार पूरे राज्य में हुआ।
बजट में 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान है और 18,000 करोड़ की प्रशासनिक मंजूरी दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के संचालक सुनील कुशिरे अधिवेशन में आने से कतराते हैं और बाहर लोगों से कहते हैं कि ‘पूरा विधानमंडल मेरी जेब में है।’ उन्होंने ऐसे अधिकारी को निलंबित करने और भ्रष्टाचार की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग की।
जल संधारण मंत्री संजय राठौड़ ने बताया कि एसीबी की जांच चल रही है। अधिकारी का तबादला कर साइड कर दिया गया। विपक्षी सदस्यों ने इस पर आपत्ति जताते हुए एसआईटी जांच की मांग को लेकर हंगामा किया। शशिकांत शिंदे सहित अन्य विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। तब उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हस्तक्षेप कर एसआईटी जांच की घोषणा की और विपक्ष शांत हुआ।
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अधिवेशन के दौरान विधानभवन परिसर की सुरक्षा-व्यवस्था चाकचौबंद रखी गई है। परिसर में सभी पार्टी कार्यकर्ताओं आदि की भारी भीड़ होने से धक्कामुक्की तक की नौबत आ जाती है। ऐसे में इस वर्ष शीत सत्र के दौरान मंत्रियों व विधायकों से मिलने आने वालों को बहुत ही सीमित रूप से प्रवेश पास दिया जा रहा है।
सुरक्षा- व्यवस्था के नियमों का कड़ाई से पालन किया जा रहा है लेकिन ऐसे में कुछ विधायकों ने अपने साथ कार्यकर्ताओं को बिना पास के ही परिसर में प्रवेश दिलाया। विधायकों द्वारा ही सुरक्षा नियमों की अवहेलना किए जाने से विधान परिषद सभापति राम शिंदे ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने सदन में बताया कि 15 विधायकों ने बिना पास के अपने कार्यकर्ताओं को परिसर में प्रवेश दिलाया जो उचित नहीं है।
विधानसभा के 13 विधायक और 2 विधान परिषद सदस्यों का इनमें समावेश होने की जानकारी उन्होंने दी। उन्होंने विप सदस्य परिणय फुके और योगेश टिलेकर का नाम लेते हुए नियमों का पालन करने की हिदायद दी और कहा कि ऐसा दोबारा न हो। उन्होंने कहा कि सुरक्षाकर्मियों को इससे दिक्कत हो रही है।