
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
Nagpur News: भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में विभिन्न हाई कोर्ट के 7 पूर्व मुख्य न्यायाधीशों और न्यायाधीशों को वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया है। यह फैसला 17 सितंबर 2025 को भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की ‘फुल कोर्ट मीटिंग’ में लिया गया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार यह 17 सितंबर 2025 से ही प्रभावी हो गई है। इस सूची में बॉम्बे और मद्रास उच्च न्यायालयों के 2-2 पूर्व न्यायाधीश शामिल हैं। गुरुवार को इस संदर्भ में रजिस्ट्रार देवेन्द्र पाल वालिया द्वारा अधिसूचना जारी की गई। विशेषत: इसमें मणिपुर हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश भी शामिल है।
1. न्यायमूर्ति अताउ रहमान मसूदी, पूर्व न्यायाधीश, इलाहाबाद हाई कोर्ट
2. न्यायमूर्ति अविनाश घरोटे, पूर्व न्यायाधीश, बॉम्बे हाई कोर्ट
3. न्यायमूर्ति डी. कृष्ण कुमार, पूर्व मुख्य न्यायाधीश, मणिपुर हाई कोर्ट
4. न्यायमूर्ति जी. इलांगोवन, पूर्व न्यायाधीश, मद्रास हाई कोर्ट
5. न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार चौहान, पूर्व न्यायाधीश, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट
6. न्यायमूर्ति आर. सुब्रमण्यन, पूर्व न्यायाधीश, मद्रास हाई कोर्ट
7. न्यायमूर्ति वीरेंद्र ज्ञानसिंह बिष्ट, पूर्व न्यायाधीश, बॉम्बे हाई कोर्ट
यह भी पढ़ें – भाजपा का नहीं होगा एकछत्र शासन! तीनों दलों का टारगेट अलग, अजित बोले- विदर्भ किसी एक का गढ़ नहीं
रेल परिचालन के तहत संरक्षा कार्यों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कर्मचारियों को संरक्षा बैठक में महाप्रबंधक तरुण प्रकाश ने संरक्षा श्रेणी के 4 कर्मचारियों को सम्मानित किया। इनमें नागपुर मंडल का एक कर्मचारी भी शामिल है। नागपुर मंडल के वरिष्ठ सहायक लोको पायलट (गोंदिया) भुमेश्वर भेलावे ने ड्यूटी के दौरान मालगाड़ी के लोको (43302/बीएसपी) की जांच करते समय ट्रैक्शन लिंक बार हाउसिंग टूटा हुआ पाया और तुरंत सूचना दी।
उनकी तत्परता से संभावित दुर्घटना टल गई तथा रेलपथ और लोको को नुकसान होने से बचा लिया गया। मुख्यालय के वरिष्ठ अनुभाग अभियंता (टीआरडी) दिनेश कुमार शर्मा ने नागपुर मंडल के कलमना ओएचई डिपो में नव स्थापित केंद्रीकृत प्रशिक्षण केंद्र में उपयोगी व्याख्यान दिया। उन्होंने कार्यस्थल पर अपनाई जाने वाली संरक्षा पद्धतियों, टीआरडी विफलताओं और व्यक्तिगत सुरक्षा पर प्रशिक्षुओं को जागरूक किया।
उनके विचार रेलवे बोर्ड स्तर तक चर्चा का विषय बने। सम्मान समारोह में अपर महाप्रबंधक, प्रधान मुख्य संरक्षा अधिकारी, अन्य विभागाध्यक्ष एवं अधिकारी उपस्थित रहे। महाप्रबंधक तरुण प्रकाश ने कर्मचारियों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे सजग प्रहरी रेलवे संरक्षा के स्तंभ हैं जिनसे रेल परिचालन सुरक्षित और सुचारु बनता है।






