सांकेतिक तस्वीर
Mumbai News: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने शनिवार को कहा कि नवरात्र के अवसर पर आयोजित होने वाले ‘गरबा’ कार्यक्रमों में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाना चाहिए। उसने आयोजकों को सलाह दी कि वे पहचान के लिए प्रवेश करने वालों के आधार कार्ड की जांच करें। महाराष्ट्र के मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि आयोजकों को किसी कार्यक्रम में प्रवेश की शर्तें तय करने का अधिकार है, बशर्ते वह पुलिस की अनुमति से आयोजित किया जा रहा हो।
कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि विहिप ‘समाज में आग लगा देना’ चाहती है। राज्य में सबसे ज्यादा मनाये जाने वाले त्योहारों में से एक, नवरात्रि 22 सितंबर से एक अक्टूबर तक मनायी जायेगी। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘गरबा सिर्फ एक नृत्य नहीं है, बल्कि देवी को प्रसन्न करने के लिए की जाने वाली पूजा का एक रूप है। वे (यानी मुसलमान) मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते हैं। केवल उन्हीं लोगों को इसमें भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए जो इन अनुष्ठानों में आस्था रखते हैं।”
उन्होंने कहा कि विहिप ने गरबा आयोजकों को परामर्श जारी कर उनसे प्रवेश द्वार पर आधार कार्ड की जांच करने एवं प्रतिभागियों को तिलक लगाने का आग्रह किया है और यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि प्रवेश करने से पहले प्रतिभागी पूजा करें। नायर ने कहा,‘‘विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता इन आयोजनों पर नजर रखेंगे। गरबा मनोरंजन नहीं बल्कि पूजा का एक रूप है। जिन लोगों की देवी में आस्था नहीं है, उन्हें इसका हिस्सा नहीं बनना चाहिए।”
विहिप के रुख पर बावनकुले ने कहा कि (प्रवेश द्वार पर) इस तरह के प्रतिबंध लगाना आयोजन समितियों के अधिकार में है। बावनकुले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह उनका अधिकार है। निर्णायक बात यह है कि आयोजन के लिए पुलिस की अनुमति है या नहीं। आयोजन समितियों को इसके आधार पर ही निर्णय लेना चाहिए।”
प्रदेश भाजपा के मीडिया प्रमुख नवनाथ बान ने विहिप की घोषणा को लेकर पूछे गये एक एक सवाल के जवाब में कहा कि गरबा एक हिंदू आयोजन है और ‘‘दूसरे धर्मों के लोगों को हिंदुओं द्वारा गरबा करने और देवी की पूजा करने में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।” उन्होंने कहा, ‘‘हम देवी की पूजा करते हैं, जो हमारी मां के समान हैं।”
उन्होंने विहिप के रुख का विरोध करने के लिए शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राउत की भी आलोचना की। बान ने राउत को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह एक खास समुदाय के वोटों को ध्यान में रखकर इसका विरोध कर रहे हैं, लेकिन लोग उन्हें या उनकी पार्टी को नहीं बख्शेंगे। इस मुद्दे पर प्रदेश कांग्रेस के विधायक दल के नेता और राज्य के पूर्व मंत्री विजय वडेट्टीवार ने कहा, ‘‘वे (विहिप के लोग) समाज में आग लगाना चाहते हैं। वे धर्म के आधार पर समाज को बांटना चाहते हैं और इससे राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं। विहिप ने जो कहा है, वह कोई नई बात नहीं है। इस संगठन का जन्म ही देश को अस्थिर करने के इरादे से हुआ है।”
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वडेट्टीवार ने दावा किया कि विहिप जैसे संगठनों का ऐसा रुख भारत की ‘‘विविधता में एकता” की बुनियाद को हिला देता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार के रुख को भी दर्शाता है। भाजपा के बान ने पलटवार करते हुए कहा कि वडेट्टीवार को पता होना चाहिए कि कांग्रेस का लोगों को बांटने का इतिहास रहा है। बान ने दावा किया, ‘‘ये वे ही हैं जिन्होंने समाज में दरार पैदा की। महा विकास आघाडी सरकार (जिसमें कांग्रेस भी शामिल थी) मराठा आरक्षण की रक्षा करने में विफल रही।”-एजेंसी इनपुट के साथ