वाढवण पोर्ट निर्माण पर लगी रोक हटी (pic credit; social media)
Supreme Court on Vadhavan Port: देश की महत्वाकांक्षी बंदरगाह परियोजनाओं में शामिल वाढवण पोर्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने परियोजना विरोधी याचिकाकर्ताओं की अंतरिम राहत याचिका को खारिज कर दिया है, जिससे अब जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (JNPA) अपने निर्धारित शेड्यूल के अनुसार विकास कार्य कर सकेगी।
वाढवण पोर्ट महाराष्ट्र के पालघर जिले के दहाणू तालुका में विकसित किया जा रहा है। यह केंद्र सरकार की कैबिनेट से मंजूरी प्राप्त 13वां मेजर पोर्ट है और जेएनपीए के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। याचिकाकर्ताओं ने बंदरगाह निर्माण पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन 28 फरवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने जेएनपीए द्वारा प्रस्तुत परियोजना समय-सारणी को देखते हुए राहत देने से इनकार कर दिया।
अदालत ने कहा कि भू-अधिग्रहण और अन्य प्रक्रियाएं जारी रहेंगी, लेकिन भविष्य में सुनवाई के दौरान आवश्यक आदेश दिए जा सकते हैं। जेएनपीए के चेयरपर्सन और वाढवण पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड के सीएमडी उन्मेष शरद वाघ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश भारत की न्यायिक प्रक्रिया और विकास के प्रति विश्वास को मजबूत करता है।
वाढवण पोर्ट केवल एक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि प्रगति का प्रतीक है। यह पश्चिमी तट को वैश्विक व्यापार मार्गों से जोड़ेगा और 24 मिलियन TEU की कंटेनर क्षमता के साथ भारत की व्यापारिक दक्षता में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। परियोजना के तहत स्थानीय युवाओं के लिए स्किलिंग प्रोग्राम भी शुरू किया गया है, जिससे क्षेत्रीय रोजगार और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
परियोजना का उद्देश्य विकास और पर्यावरणीय संतुलन दोनों को बनाए रखना है। यह ग्रीन पोर्ट के रूप में विकसित होगा और समाज की भागीदारी के सहारे आर्थिक और सामाजिक प्रगति सुनिश्चित करेगा।