ब्रिटेन ने माना भारत की ताकत, UNSC सदस्यता से ट्रेड डील तक...ट्रंप को मिल गया तगड़ा जवाब!
Mumbai News: भारत के दो दिवसीय दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने गुरुवार को राज भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान विश्व के दो प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के प्रमुखों के बीच विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई। ऐसा दोनों नेताओं के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता के उपरांत जारी संयुक्त बयान से स्पष्ट प्रतीत हुआ।
भारत के लिए अहम यह रहा कि रूस, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, जापान, ब्राजील और अफ्रीकन यूनियन के बाद ब्रिटेन ने फिर से यूएनएससी (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया। कीर ने कहा कि नई दिल्ली को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अपना “उचित स्थान” मिलना चाहिए। उन्होंने भारत की उल्लेखनीय विकास गाथा और वैश्विक मामलों में उसकी बढ़ती भूमिका का हवाला दिया।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन विभिन्न क्षेत्रों में स्वाभाविक साझेदार हैं। यह संबंध लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन जैसे मूल्यों में साझा विश्वास पर आधारित है। वैश्विक अस्थिरता के वर्तमान दौर में भारत और ब्रिटेन के बीच यह बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बन गई है। पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टार्मर के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच संबंध और मजबूत हुए हैं और व्यापार, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और रक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व अवसर सामने आए हैं।
PM Modi UK PM
पीएम मोदी ने कहा कि इस वर्ष जुलाई में मेरी यूके यात्रा के दौरान, हम ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) पर सहमत हुए थे। इस समझौते से व्यापार और रोजगार सृजन में वृद्धि होगी और उपभोक्ताओं तथा उद्योग दोनों को लाभ होगा। क्योंकि मेरी यात्रा के बाद इतने कम समय में ब्रिटिश प्रधानमंत्री सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए अब तक के सबसे बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत दौरे पर आए हैं। यह हमारी साझेदारी में नई ऊर्जा का प्रतीक है। दोनों देशों के व्यापार शिखर सम्मेलन, सीईओ फोरम और ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल के माध्यम से सहयोग के नए अवसर सामने आए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमने हिंद-प्रशांत और पश्चिम एशिया में स्थिरता के साथ-साथ यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर भी विचार विमर्श किया। भारत, यूक्रेन और गाजा के मुद्दों पर बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांति बहाल करने के सभी प्रयासों का समर्थन करता है। हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा पर सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग की अपार संभावनाओं का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम ब्रिटेन की औद्योगिक विशेषज्ञता और अनुसंधान क्षमताओं को भारत की प्रतिभा और व्यापकता के साथ जोड़ रहे हैं।
पिछले साल शुरू की गई भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल, नवाचार को बढ़ावा दे रही है। खनिज क्षेत्र में सहयोग के लिए एक नया उद्योग संघ स्थापित किया जा रहा है, जिसका उपग्रह परिसर आईएसएम धनबाद में होगा। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों ने सतत विकास के लिए भारत-ब्रिटेन अपतटीय पवन कार्यबल और जलवायु प्रौद्योगिकी स्टार्टअप कोष की स्थापना की है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रिटेन के नौ विश्वविद्यालय भारत में अपने परिसर स्थापित कर रहे हैं। साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के गुरुग्राम परिसर का उद्घाटन किया गया है और गिफ्ट सिटी में तीन और विश्वविद्यालय शाखाएं स्थापित की जा रही हैं। इसके साथ-साथ भारत और ब्रिटेन के बीच रक्षा सहयोग मजबूत हो रहा है और दोनों देश संयुक्त उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
इसके अलावा, दोनों देशों ने एक सैन्य प्रशिक्षण सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत भारतीय वायु सेना के उड़ान प्रशिक्षक अब ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स में प्रशिक्षक के रूप में काम करेंगे। जब मुंबई में बैठक चल रही थी, उसी दौरान हमारे नौसैनिक जहाज संयुक्त अभ्यास ‘कोंकण 2025’ कर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे दोनों देशों के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में रहने वाले 18 लाख भारतीय दोनों देशों की मैत्री का जीवंत उदाहरण हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ब्रिटिश समाज और अर्थव्यवस्था में उनका योगदान अमूल्य है और इसने दोनों देशों के बीच मैत्री और विकास के सेतु को मजबूत किया है। भारत की गतिशीलता और ब्रिटेन की विशेषज्ञता मिलकर एक अद्वितीय तालमेल का निर्माण करती है। हमारी साझेदारी प्रतिभा, तकनीक और विश्वास पर आधारित है। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि हम दोनों देशों के लोगों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेंगे।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने कहा, भारत और ब्रिटेन के बीच मानवीय बंधन इस रिश्ते की असली पहचान है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, यह दोनों देशों के बीच एक जीवंत सेतु है। भारत और ब्रिटेन एक आधुनिक और दूरदर्शी साझेदारी बनाने के लिए एक साथ आ रहे हैं। इससे दोनों देशों के लोगों के लिए नए अवसर पैदा होंगे।
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ब्रिटेन-भारत व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) का पूरा होना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह समझौता आयात शुल्क कम करेगा, बाजारों तक बेहतर पहुंच प्रदान करेगा, रोजगार सृजन करेगा और दोनों देशों के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाएगा। इस प्रक्रिया में उत्पन्न विश्वास और आपसी सहयोग भारत-ब्रिटेन संबंधों को और मजबूत कर रहा है।