उद्धव ठाकरे (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने वक्फ बोर्ड संपत्ति मामले में मुसलमानों को पूरा समर्थन देने का वादा किया है। उद्धव ठाकरे ने कहा है कि वक्फ संपत्ति को कोई छू नहीं सकता। इसी के साथ उनकी पार्टी वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करेगी, ऐसा उन्होंने संकेत भी संकेत दिया है। उद्धव के इस बयान से मुसलमानों में यह विश्वास बढ़ा है कि उद्धव की शिवसेना उनके हितों के लिए लड़ेगी और जब विधेयक को संसद में मतदान के लिए रखा जाएगा तो उद्धव के सांसद इसके खिलाफ मतदान कर सकते हैं। हालांकि इससे पहले उद्धव को मुस्लिम समुदाय के विरोध का सामना भी करना पड़ा था, क्योंकि जब बिल पहली बार लोकसभा में पेश किया गया था तब शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अनुपस्थित थे।
माना जा रहा है कि ऐसा निर्णय लोकसभा चुनाव के परिणामों को देखते हुए लिया है। क्योंकि लोकसभा चुनाव में उद्धव गुट को हिंदुओं एवं मराठी लोगों के अपेक्षित वोट नहीं मिले थे। जबकि मुसलमानों ने महा विकास आघाड़ी और खासकर उद्धव गुट के उम्मीदवारों को एकमुश्त वोट दिए थे। उद्धव गुट के सांसदों द्वारा वक्फ बिल जैसे संवेदनशील मुद्दे का विरोध करने से अल्पसंख्यक समाज में पार्टी के प्रति नया विश्वास बढ़ेगा। अब ठाकरे ने अब वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा का समर्थन करने और वक्फ अधिनियम में संशोधन का विरोध करने का वचन दिया है।
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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर अंकुश लगाने के मकसद से वक्फ संशोधन बिल लाया है। एक बार वक्फ संपत्ति घोषित होने के बाद, स्वामित्व व्यक्ति से वक्फ में स्थानांतरित हो जाता है, जिसका अर्थ है कि यह अब अल्लाह की संपत्ति है, जिससे यह अपरिवर्तनीय हो जाता है। वक्फ ट्रिब्यूनल स्वामित्व विवादों के मामलों से निपटता है।
इस प्रणाली के साथ एक बड़ी समस्या यह है कि वक्फ मुकदमेबाजी के मामलों में न्यायाधीश के रूप में कार्य करता है और जिन व्यक्तियों की भूमि अधिग्रहित की जाती है, उन्हें स्वामित्व साबित करना होगा। केंद्र सरकार का लक्ष्य पुराने हो चुके वक्फ प्रबंधन को आधुनिक बनाना है। लेकिन उद्धव गुट ने इस बिल के खिलाफ वक्फ बोर्ड को अपना समर्थन देने का निर्णय लिया है।
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गौरतलब हो कि रेल और रक्षा मंत्रालय के बाद वक्फ बोर्ड देश का तीसरा सबसे बड़ा भूमि धारक है। वक्फ बोर्ड के पास 8।7 लाख से अधिक संपत्तियां हैं, जिनकी कीमत 1।2 लाख करोड़ रुपए है। सरकार ने वक्फ अधिनियम, 1955 में संशोधन के लिए एक विधेयक पेश किया है, जिसे बाद में संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था।
केंद्र सरकार द्वारा गठित इस समिति में शिवसेना (उद्धव गुट) से सांसद अरविंद सावंत शामिल हैं। हाल ही में, जेपीसी ने विधेयक पर अपनी पहली बैठक की और बताया जाता है कि विपक्षी सांसदों ने विधेयक के मौजूदा स्वरूप पर चिंता जताई है।