उद्धव ठाकरे और शरद पवार (सौजन्य-एएनआई)
मुंबई: महाविकास आघाडी में नेता विपक्ष को लेकर नई खटपट शुरू शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक इस पद को हासिल करने के लिए उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को पत्र लिखने का फैसला किया है। इस पत्र में शिवसेना यूबीटी के सभी विधायकों के हस्ताक्षर हैं। शिवसेना यूबीटी का कहना है कि विपक्षी दलों में सबसे ज्यादा विधायक हमारे पास है।
शिवसेना यूबीटी का कहना है कि ऐसे में नेता विपक्ष पद उन्हें दिया जाना चाहिए। साल 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में यूबीटी के 20 विधायक चुनकर आए हैं। इस वजह से नेता विपक्ष के पद पर ठाकरे गुट ने दावा ठोका है। हालांकि कांग्रेस के पास सिर्फ 16 विधायक हैं। इसके बावजूद वह विधानसभा में नेता विपक्ष का दावा कर रही है। उनकी दलील है कि विधान
2024 में हुए विधानसभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी में शामिल मिल दलों को सिर्फ 46 सीटें मिली हैं, इसमें कांग्रेस के खाते में 16 सीटें आईं तो राकां शरद पवार गुट ने 10 सीटों पर जीत हासिल की। इसके अलावा गठबंधन में सबसे ज्यादा सीटें शिवसेना उद्धव गुट को मिलीं, पार्टी ने महाराष्ट्र में 20 सीटों पर जीत दर्ज की। इससे पहले आघाड़ी की सरकार गिर जाने के बाद नेता विपक्ष का पद कांग्रेस के पास था।
परिषद में पहले से ठाकरे गुट के अंबादास दानवे नेता विपक्ष हैं। ऐसे में विधानसभा में नेता विपक्ष का पद कांग्रेस को दिया जाना चाहिए। दोनों सदनों में एक ही दल के नेता विपक्ष को लेकर आघाडी में विवाद है, यह मांग ऐसे समय की जा रही है, जब 3 मार्च से विधानमंडल का बजट सत्र शुरू हो रहा है।
महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
इस सत्र के दौरान 2025-26 के लिए बजट 10 मार्च को पेश किया जाएगा और इसी दिन फडणवीस सरकार के सत्ता में 100 दिन पूरे होंगे। यह सरकार का पहला पूर्ण सत्र होगा क्योंकि नागपुर में शीतकालीन सत्र मंत्रियों को शपथ दिलाए बिना आयोजित किया गया था।