नवनीति राणा व उद्धव-राज ठाकरे (सोर्स: सोशल मीडिया)
BJP Reaction On Thackeray Brothers: महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) समेत राज्य की अन्य महानगरपालिकाओं के चुनावों को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे ने आज, 24 दिसंबर को गठबंधन के ऐलान किया। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी नेताओं ने इस गठबंधन को “स्वार्थ से प्रेरित” और “सत्ता में बने रहने की हताश कोशिश” करार दिया है।
बीजेपी नेता नवनीत राणा ने ठाकरे बंधुओं के साथ आने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह ऊपर से भले ही दो भाइयों का मिलन लगे, लेकिन इसके पीछे कोई पारिवारिक प्रेम नहीं है। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन पूरी तरह से स्वार्थ और राजनीतिक फायदे के लिए किया गया है। उद्धव ठाकरे की पार्टी, जिसमें कभी मुख्यमंत्री बनाने की ताकत थी, आज नगर पालिका और स्थानीय निकाय चुनावों में सबसे पीछे खड़ी है। नवनीत राणा ने यह भी दावा किया कि शिवसेना (यूबीटी) की स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है और यही वजह है कि अब पुराने रिश्तों को चुनावी मजबूरी में जोड़ा जा रहा है।
बीजेपी विधायक मिहिर कोटेचा ने भी उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के गठबंधन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सत्ता में बने रहने की एक हताश कोशिश है और मुंबई के लोगों ने इसे पहचान लिया है। कोटेचा ने हाल के नगर पालिका और नगर परिषद चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि इन चुनावों में महायुति ने 70 प्रतिशत से ज्यादा सीटें जीती हैं, जो यह दिखाता है कि जनता किसके साथ है। उन्होंने सवाल उठाया, “2009 के बाद 16 साल तक अलग रहने वाले ये नेता अब अचानक साथ क्यों आ रहे हैं? इसका जवाब साफ है चुनावी डर।”
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दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान पार्टी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने भी ठाकरे बंधुओं के गठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दोनों भाई ‘जमानत बचाने’ और हार के डर से एक साथ आए हैं। भंडारी ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में परिवारवादी राजनीति अब आखिरी सांस ले रही है और यही वजह है कि पुराने चेहरों को फिर से एक मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है।
बीजेपी नेताओं ने यह भी दोहराया कि मुंबई और महाराष्ट्र की जनता विकास के साथ है और एनडीए को ही समर्थन दे रही है। उनका कहना है कि बीएमसी समेत आने वाले सभी स्थानीय निकाय चुनावों में महायुति की जीत तय है। बीजेपी का दावा है कि ठाकरे बंधुओं का यह गठबंधन जमीन पर असर नहीं डालेगा, बल्कि जनता इसे एक राजनीतिक मजबूरी के तौर पर देख रही है।