छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (pic credit; social media)
Maharashtra News: आर्थिक राजधानी मुंबई मराठा आरक्षण आंदोलन के चलते थम सी गई है। जगह-जगह प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ ने रेलवे स्टेशनों और सड़कों पर अराजकता फैला दी है। स्थिति इतनी गंभीर है कि पुलिस और रेलवे प्रशासन असहाय नजर आ रहे हैं।
सबसे बड़ी चिंता का विषय सुरक्षा व्यवस्था है। सीएसएमटी स्टेशन के मुख्य द्वार से मेटल डिटेक्टर गायब पाए गए, जिससे सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह वही स्टेशन है, जिसे 2008 के आतंकी हमले में आतंकियों ने निशाना बनाया था।
लोकल ट्रेनें, जिन्हें मुंबई की ‘लाइफलाइन’ कहा जाता है, आंदोलन से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। आरपीएफ और जीआरपी ने अतिरिक्त बल की तैनाती की है—40 आरपीएफ और 60 महाराष्ट्र सुरक्षा बल कर्मी मौके पर मौजूद हैं। बावजूद इसके, प्रदर्शनकारियों की भारी संख्या के सामने ये उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। प्लेटफॉर्म और टिकट काउंटर पर भीड़ बढ़ने से यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई जगह ट्रेनों के संचालन में देरी हो रही है।
मुंबई की सड़कों पर भी आंदोलन का असर साफ दिखाई दे रहा है। पूर्वी एक्सप्रेस हाईवे, सायन-पनवेल मार्ग और कई अन्य मुख्य सड़कों पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा जमा लिया है। जगह-जगह धरना प्रदर्शन हो रहा है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। बीईएसटी बस सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं, कई रूटों पर बसें डायवर्ट या रद्द करनी पड़ी हैं।
सीएसएमटी सहित कई प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर नारंगी टोपी और स्कार्फ पहने प्रदर्शनकारियों की भीड़ उमड़ पड़ी है। बिना टिकट भीड़ प्लेटफॉर्म तक पहुंच गई है। नारेबाजी, नाच-गाने और रेलवे संपत्ति के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं ने स्थिति और बिगाड़ दी है।
मुंबई में आम नागरिकों के लिए यह आंदोलन परेशानी का सबब बन चुका है। एक ओर लोकल ट्रेन और सड़क यातायात प्रभावित हैं, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा चूक ने चिंता और बढ़ा दी है।