महायुति गठबंधन (सोर्स: एएनआई)
मुंबई: लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन में देरी का खामियाजा महायुति में शामिल बीजेपी और उसकी सहयोगी पार्टियों को उठाना पड़ा था। इससे सबक सीखते हुए महायुति में विधानसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर चर्चा पहले ही शुरू हो गई है। बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले पहले ही कह चुके हैं कि अगले 10 दिनों में सीटों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय कर लेने पर सभी घटक दलों के प्रमुख नेताओं में सहमति बन गई है तो वहीं अब कहा जा रहा है कि पार्टी में 176 सीटों पर सहमति बन गई है जबकि 112 सीटों पर निर्णय होना है, इनमें 21 सीटों पर सहमति बनाने में तीनों प्रमुख दलों को नाकों चने चबाने पड़ सकते हैं।
महायुति में 2019 में पार्टी के उम्मीदवारों को मिली जीत के आधार पर सीटों के बंटवारे सहमति पहले से बनी हुई है। 2019 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के 105 शिवसेना के 56 और एनसीपी के 54 उम्मीदवारों को जीत मिली थी। लेकिन आज साथ आई इन पार्टियों के बीच कुछ सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। इस वजह से तीनों प्रमुख दलों की अपनी 215 सीटों पर भी सहमति नहीं बन पा रही है।
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बताया जा रहा है कि अभी तक सिर्फ स्प्षट जीत वाली 176 सीटों पर सहमति बन पाई है जबकि 112 सीटें पर अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। बीजेपी कम से कम 160 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है जबकि शिवसेना शिंदे 80 से 90 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी कम से कम 60 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कर रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में महायुति में जबरदस्त घमासान देखने को मिल सकता है।
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मंगलवार को एनसीपी की बैठक में अजित पवार और प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे की मौजूदगी में हुई। इस दाैरान कम से कम 60 सीटों पर लड़ने को लेकर सहमति बनी है। देखना दिलचस्प होगा कि क्या बीजेपी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी की मांगे मानकर जल्द इस मुद्दे को सुलझाएगी या फिर इसके लिए फिर से घमासान देखने को मिलेगा।