नवी मुंबई मनपा के ठेका कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: नवी मुंबई मनपा में ठेका के तहत कार्यरत 8000 से अधिक कर्मचारियों ने समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर सोमवार को आंदोलन शुरू किया। इसे गंभीरता से लेते हुए मनपा प्रशासन ने उक्त मामले में कर्मचारियों के हित में निर्णय लेने का लिखित आश्वासन दिया, जिसके बाद मनपा के ठेका कर्मचारियों ने हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया। इस बात की जानकारी नवी मुंबई मनपा प्रशासन ने मीडिया को दी।
नवी मुंबई मनपा प्रशासन का कहना है कि 7 जनवरी 2025 को सभी श्रमिक संगठनों के पदाधिकारियों को सूचित किया गया कि महाराष्ट्र सरकार के सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक विशेष समिति नियुक्त की गई है। उक्त समिति की पहली बैठक 12 फरवरी 2025 को आयोजित की जाएगी। इसमें समाज समता कामगार संघ और अन्य सभी श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों को उपस्थित होकर अपने विचार व्यक्त करने को कहा गया था।
मनपा प्रशासन का कहना है कि मनपा द्वारा श्रमिकों के हित में सकारात्मक कार्यवाही की जा रही है, शहर में आवश्यक सेवाओं को बाधित करने के उद्देश्य से विरोध प्रदर्शन करना अनुचित है, इस संबंध में लिखित तौर से पत्र देकर संगठन के पदाधिकारियों से पुनः अपील की गई कि जब तक मनपा द्वारा नियुक्त समिति की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो जाती है, तब तक किसी भी प्रकार का विरोध प्रदर्शन न करें। जिसके बाद संगठनों ने हड़ताल को स्थगित किया।
नवी मुंबई मनपा प्रशासन के अनुसार समाज समता कामगार संघ (नवी मुंबई) की घोषणा के अनुसार नवी मुंबई मनपा में बाह्य स्रोतों के माध्यम से विभिन्न सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों की मांगों के संबंध में सकारात्मक कदम उठाए हैं, जिसके बारे में 9 फरवरी की रात को ही संबंधितों से अपील की गई थी और उन्हें सूचित करने के लिए एक पत्र भेजा गया था।
इसके बावजूद बाहरी स्रोतों के माध्यम से काम कर रहे समाज समता कामगार संघ से जुड़े कर्मचारियों ने सोमवार की सुबह दैनिक सफाई कार्य शुरू करने के बजाय विरोध प्रदर्शन किया और हड़ताल के पहले दिन सड़क से कचरा नहीं उठाया। इस दौरान कर्मचारियों ने मनपा क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर काम को बाधित करने की कोशिश की, जिसकी वजह से मनपा द्वारा की गई वैकल्पिक व्यवस्था पर बुरा असर हुआ।
गौरतलब है कि ठेका कर्मचारियों की हड़ताल से नवी मुंबई मनपा क्षेत्र में स्वच्छता और जलापूर्ति जैसी आवश्यक दैनिक सुविधाएं बाधित न हों और नागरिकों को असुविधा न हो, इसके लिए मनपा प्रशासन ने बाहरी स्रोतों के माध्यम से सेवाएं प्रदान करने वाले आपूर्तिकर्ताओं को वैकल्पिक व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए थे।
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जब वैकल्पिक जनशक्ति उपलब्ध कराने का प्रयास किया, तो हड़ताल करने वाली संगठन से जुड़े ठेका कर्मचारियों ने वैकल्पिक व्यक्तियों को कचरा संग्रहण और परिवहन वाहनों को विभिन्न तरीकों से रोककर काम में बाधा उत्पन्न की।
यूनियन के नेता मंगेश लाड कहा कि जिस तरह से सभी ठेका कर्मचारियों ने एकजुट होकर हड़ताल में शामिल हुए और उसका उसका असर शहर पर दिखाई दिया, जिसकी वजह से मनपा के अतिरिक्त आयुक्त ने हमें बातचीत के बुलाया और सभी मुद्दों पर 12 फरवरी को बातचीत करने की बात कही है।
मनपा प्रशासन ने हमें आश्वासन दिया है कि बातचीत के बाद उनकी मांगों की माना जाएगा। बातचीत होने तक हड़ताल को स्थगित कर दिया गया है, यदि प्रशासन ने हमें फिर से गुमराह करने का प्रयास किया तो हड़ताल फिर से शुरू की जाएगी।