संजय राउत (सौजन्य-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र और दक्षिण-भारत में भाषा को लेकर विवाद देखा गया है। अब हाल ही में आरएसएस संघ के नेता भैयाजी जोशी का भाषा को लेकर किए गए बयान ने सियासी जंग छेड़ दी है। इस पर शिवसेना यूबीटी ने आरएसएस नेता भैयाजी जोशी के साथ-साथ महाराष्ट्र के सीएम और डिप्टी सीएम को आड़े हाथ ले लिया है।
तमिलनाडु में अक्सर ऐसे आरोप लगाए जाते आए हैं कि उन पर हिंदी भाषा थोपी जा रही है। अब ये भाषा का मामला मुंबई तक पहुंच गया है। गुरुवार को ठाणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने भाजपा और आरएसएस पर हमला बोला। उन्होंने भाजपा के मार्गदर्शक, पॉलिसी मेकर और आरएसए के नेता भैयाजी जोशी का जिक्र करते हुए उन्हें चुनौती दी और कहा कि क्या ऐसी बातें आप लखनऊ जाकर कह सकते हैं?
संजय राउत ने कहा, ‘भैयाजी जोशी कल महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई आए थे और यहां आकर ऐलान कर दिया कि महाराष्ट्र की राजधानी की भाषा मराठी नहीं है। मराठी नहीं हो सकती। यहां कोई भी आकर मराठी के बिना रह सकते हैं, काम कर सकते हैं।’ संजय राउत ने सवाल पूछते हुए कहा कि आपको इस प्रकार का बयान देने का अधिकार किसने दिया?
VIDEO | Addressing a press conference in Thane, Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut says, “BJP’s policy maker and RSS leader BhaiyyaJi Joshi came to Mumbai yesterday and said that Marathi isn’t the language of the capital (Mumbai). Who gave him this right? Can you go to Kolkata… pic.twitter.com/JE7OWjoBra
— Press Trust of India (@PTI_News) March 6, 2025
संजय राउत ने भैयाजी आगे तंज कसते हुए कहा कि क्या आप कोलकाता में जाकर बोल सकते हैं कि कलकत्ता की भाषा बंगाली नहीं है? क्या आप कोच्चि और त्रिवेंद्रम में जाकर बोल सकते हो कि यहां की भाषा मलयाली नहीं है। क्या आप लखनऊ जाकर योगी जी के सामने खड़े होकर बोल सकते हैं कि लखनऊ की भाषा हिंदी नहीं है। क्या आप पटना में जाकर नीतीश कुमार जी के सामने बोल सकते हो कि पटना की भाषा हिंदी नहीं है। क्या आप चेन्नई में जाकर बोल सकते हो कि यहां की भाषा तमिल या तेलुगु नहीं है? क्या पंजाब में जाकर बोल सकते हों कि यहां की भाषा पंजाबी नहीं है।
संजय राउत ने आक्रामक होकर कहा कि आप महाराष्ट्र में आकर बोल रहे हो ये आपकी मंशा है। आप मुंबई को महाराष्ट्र से तोड़ना चाहते हो। आपकी यह मंशा फिर आपके मुंह से बाहर आई है। हमने मराठी भाषा के लिए कितना बलिदान दिया है। हमारे लोग शहीद हो गए। चाहे वो बालासाहेब ठाकरे का संघर्ष हो छत्रपति शिवाजी महाराज ने यह राज्य स्थापित किया। उनकी भाषा मराठी थी। आप देखिए यहां का इतिहास।
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उन्होंने सीएम और दोनों डिप्टी सीएम को लाचार बताया और कहा कि अगर हिम्मत है इस बयान पर निंदा प्रस्ताव की मांग की जानी चाहिए और उनसे कहना चाहिए की महाराष्ट्र में आकर इस प्रकार की बात न करें।