जिनकी मोदी ने बनवाई सबसे ऊंची मूर्ति...वो होते तो बीजेपी-RSS बैन होते, संजय राउत ने आग में डाला घी!
Mumbai News: शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर तीखा हमला बोला है। कर्नाटक में कांग्रेस नेता और मंत्री प्रियांक खरगे द्वारा सरकारी ज़मीन पर संघ के कार्यक्रमों पर रोक लगाने की मांग पर राउत ने पूरे मुद्दे को नया मोड़ दे दिया।
मुंबई में जब राउत से इस बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगाने का विषय सरदार वल्लभभाई पटेल से जुड़ा हुआ है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि लोग अक्सर नेहरू का नाम लेते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिनके विचारों को अपना आदर्श बताते हैं, उन्होंने गुजरात में जिनकी सबसे ऊंची प्रतिमा बनवाई, अगर वही सरदार पटेल आज प्रधानमंत्री होते, तो आरएसएस और बीजेपी का अस्तित्व ही नहीं होता।
राउत ने पीएम मोदी, आरएसएस और बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि सरदार पटेल उनके भी आदर्श हैं, लेकिन उनके फैसलों को लेकर आज दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है।
देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल ने महात्मा गांधी की हत्या के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगाया था। गांधीजी की हत्या 1948 में नाथूराम गोडसे द्वारा की गई थी। इसके बाद पटेल ने कहा था कि संघ की गतिविधियाँ देश की एकता के लिए खतरा हैं। रिकॉर्ड के अनुसार, 4 फरवरी 1948 को आरएसएस पर बैन लगाया गया था।
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे की इस मांग के चलते यह मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। यह बहस ऐसे वक्त में हो रही है जब इस महीने की शुरुआत में, 2 अक्टूबर को, संघ ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे किए हैं। इसके अलावा, इसी महीने के अंत में सरदार पटेल की जयंती भी है, जिसे “राष्ट्रीय एकता दिवस” के रूप में मनाया जाता है। हर साल इस दिन प्रधानमंत्री मोदी खुद स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पहुंचते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे और कर्नाटक सरकार में मंत्री प्रियांक खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर सरकारी परिसरों, सार्वजनिक मैदानों और मंदिरों में आरएसएस की सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
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अपने पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस की शाखाओं और बैठकों के माध्यम से बच्चों और युवाओं में विभाजनकारी विचारधारा फैलाई जा रही है। उन्होंने इन गतिविधियों को असंवैधानिक और राष्ट्रीय एकता के विरुद्ध बताया है।