मुंबई का आरए स्टूडियो व रोहित आर्या (सोर्स: सोशल मीडिया)
Rohit Arya Hostage Conspiracy: मुंबई के पवई में हुए सनसनीखेज रोहित आर्या एनकाउंटर केस की जांच कर रही मुंबई क्राइम ब्रांच (Mumbai Crime Branch) को जांच में ऐसे तथ्य मिले हैं जो दर्शाते हैं कि आर्या ने बच्चों को बंधक बनाने की पूरी योजना तीन महीने पहले ही बना ली थी। जांच एजेंसियों के मुताबिक, आरोपी ने सोच समझकर इस पूरी घटना को अंजाम दिया था।
जांचकर्ताओं के अनुसार, रोहित आर्या, जो पहले लघु फिल्मों का निर्देशन कर चुका था, उसके पास एमबीए (मार्केटिंग) की डिग्री भी थी। उसने अपनी ही एक ‘फिल्म स्क्रिप्ट’ को वास्तविक जीवन की घटना में बदल दिया।
करीब तीन महीने पहले आर्या ने अपने फिल्ममेकर मित्र रोहन अहिरे से संपर्क किया था। आर्या ने अहिरे को बताया था कि वह बच्चों के अपहरण पर आधारित एक फिल्म बनाना चाहता है।
इसके बाद, उसने योजना को अंजाम देने के लिए ऑनलाइन विज्ञापन जारी किया और बाल कलाकारों के लिए ऑडिशन बुलाए। उसने पवई में एक स्टूडियो भी किराए पर लिया। कुछ ही दिनों में 70 से अधिक बच्चे ऑडिशन देने पहुंचे, जिनमें से 17 बच्चों का चयन किया गया।
क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने बताया कि 17 बच्चों के चयन के बाद, आर्या ने रील की कहानी को असली जीवन की घटना में बदलने का निर्णय लिया। बच्चों को यह झांसा दिया गया था कि जो कुछ हो रहा है वह फिल्म की शूटिंग का हिस्सा है, इसीलिए ज्यादातर बच्चे पूरे ‘होस्टेज ड्रामा’ के दौरान शांत रहे। जब पुलिस ने अंदर प्रवेश कर फायरिंग की, तब केवल चार बच्चे घबराए थे।
पुलिस को मौके पर किए गए पंचनामा के दौरान कई चौंकाने वाले गैजेट्स मिले हैं। इनमें मोशन सेंसर, टेसर जैसी इलेक्ट्रिक शॉक डिवाइस, सेल्फ-डिफेंस स्टिक, और सेंटर शटर लॉक बरामद हुए हैं। इसके अलावा, एक काले रंग का कपड़ा भी मिला है, जिसमें स्ट्रॉन्ग गंध वाला केमिकल लगा था।
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आर्या ने बच्चों से कहा था कि वह इसे सीन के लिए जलाएगा। इस कपड़े को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है ताकि यह पता चल सके कि कौन-सा ज्वलनशील पदार्थ इस्तेमाल हुआ था।
क्राइम ब्रांच अब आर्या द्वारा घटना से पहले मीडिया को भेजे गए वीडियो मैसेज की जांच भी कर रही है। एक वीडियो में उसने इशारा किया था कि ‘उसके पीछे कुछ लोग हैं’। पुलिस मानती है कि यह डर पैदा करने की कोशिश थी, लेकिन यह भी जांच की जा रही है कि क्या वाकई कोई और इस साजिश में शामिल था।