रत्नागिरी और संगमेश्वर में नए स्टेशन बनाने की घोषणा (pic credit; social media)
New stations built at Sawantwadi and Ratnagiri Sangameshwar: कोंकण रेलवे एक बार फिर अपनी महत्वाकांक्षी रोल-ऑन/रोल-ऑफ (रो-रो) सेवा को पटरी पर लाने की पूरी तैयारी में है। अगस्त में शुरू हुई यह सेवा यात्रियों के बीच उम्मीद के मुताबिक लोकप्रिय नहीं हो सकी थी, लेकिन अब रेलवे ने रणनीति बदल दी है। इस बार योजना और भी बड़ी है। कोंकण रेलवे ने सावंतवाड़ी, रत्नागिरी और संगमेश्वर में तीन नए रो-रो स्टेशन बनाने की घोषणा की है, ताकि यात्रियों और वाहन चालकों को ज्यादा सुविधा मिल सके।
कोंकण रेलवे के सीएमडी संतोष कुमार झा ने बताया कि “तीनों स्टेशनों पर वाहनों के चढ़ने-उतरने के लिए विशेष रैंप और बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा। यह योजना अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन काम तेज़ी से आगे बढ़ाया जा रहा है।”
15 अक्टूबर को कोंकण रेलवे के 35वें स्थापना दिवस पर यह ऐलान किया गया। रेलवे ने बताया कि यात्रियों को आकर्षित करने के लिए नई योजनाएं और ऑफर तैयार किए जा रहे हैं, ताकि घाटियों में बसे इलाकों तक भी यह सेवा लोकप्रिय हो सके।
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गौरतलब है कि 23 अगस्त को कोलाड-नांदगांव रोड और वेरना से पहली रो-रो ट्रेन चलाई गई थी, लेकिन उस समय केवल सात वाहनों की बुकिंग हुई थी। गणपति पर्व के पहले बुकिंग बढ़ाने की कोशिश हुई, मगर यात्रियों की संख्या बहुत कम रही। अब रेलवे को उम्मीद है कि नए स्टेशनों के जुड़ने से मांग बढ़ेगी।
रेलवे सूत्रों के मुताबिक, यात्रियों की सबसे बड़ी मांग रत्नागिरी और सावंतवाड़ी में ठहराव की थी, इसी वजह से इन दो स्टेशनों को नेटवर्क में जोड़ा जा रहा है। यह ट्रेन 10 कार वैगन और दो पैसेंजर कोच से बनी है, एक एसी और एक सेकेंड सीटिंग कोच सहित।
वर्तमान में कोलाड-वेरना मार्ग की प्रति कार किराया ₹7,875 और कोलाड-नांदगांव मार्ग का किराया ₹5,460 तय किया गया है। हालांकि, पहाड़ी इलाकों और तीव्र मोड़ों की वजह से ट्रैक डबलिंग की कोई योजना फिलहाल नहीं है।
रेलवे मंत्रालय से 7,700 करोड़ रुपये की अतिरिक्त निधि मांगी गई है, जिससे मौजूदा स्टेशनों का आधुनिकीकरण, मेंगलुरु-मदुरै रूट विस्तार और सुरंगों में बुनियादी सुधार किए जा सकेंगे। मोबाइल नेटवर्क की समस्या अभी बरकरार रहेगी, क्योंकि कुल 91 सुरंगों में टावर लगाने का खर्च 5 से 7 करोड़ रुपये प्रति टावर आता है। कोंकण रेलवे का कहना है कि इस बार “रो-रो सेवा” को यात्रियों के लिए न सिर्फ सुविधाजनक बल्कि लाभदायक बनाने की पूरी कोशिश होगी।