नरीमन प्वाइंट से भाईंदर 45 मिनट (pic credit; socilal media)
Versova-Bhayander Coastal Road Project: मुंबई वालों के लिए राहत की बड़ी खबर। अब नरीमन प्वाइंट से भाईंदर तक का सफर महज 45 मिनट में पूरा होगा। वर्सोवा-भाईंदर कोस्टल रोड प्रोजेक्ट को लेकर बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी ने अधिकारियों को सख्त आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए जरूरी जमीन का अधिग्रहण तुरंत किया जाए और परमिशन से जुड़े सभी काम तेजी से पूरे हों।
ये प्रोजेक्ट पूरा होते ही मुंबई का ट्रैफिक जाम इतिहास बन जाएगा। अभी वर्सोवा से भाईंदर पहुंचने में जहां 90 से 120 मिनट लगते हैं, वहीं इस कोस्टल रोड के बाद सफर सिर्फ 15 से 20 मिनट में पूरा होगा। इससे समय और ईंधन की जबरदस्त बचत होगी और कार्बन उत्सर्जन में 55 फीसदी तक की कमी आएगी।
कोस्टल रोड का ये चरण नरीमन प्वाइंट से बांद्रा तक खुल चुके हिस्से से जुड़ जाएगा। बांद्रा से वर्सोवा तक का काम एमएसआरडीसी कर रहा है और वर्सोवा-भाईंदर प्रोजेक्ट बीएमसी के जिम्मे है। पूरी रोड बनने के बाद मुंबई का पूरा सी-फ्रंट एक-दूसरे से जुड़ जाएगा।
इस प्रोजेक्ट में एक एलिवेटेड रोड, एक ब्रिज और दो सुरंगें बनाई जाएंगी। रोड वेसावे रोड, मालाड, मालवणी, कांदिवली, बोरीवली, दहिसर और मीरा रोड होते हुए भाईंदर तक जाएगी। दिसंबर 2028 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। खास बात ये है कि प्रोजेक्ट में पर्यावरणीय संतुलन के लिए 37,025 मैंग्रोव के पेड़ लगाए जाएंगे।
आयुक्त गगरानी ने प्रोजेक्ट साइट्स का भी दौरा किया और गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड की 1.22 किलोमीटर लंबी ट्रिपल लेन बॉक्स टनल का निरीक्षण किया। लिंक रोड के तीसरे चरण में 4.7 किलोमीटर लंबी डबल सुरंग बनाई जाएगी, जो संजय गांधी नेशनल पार्क के नीचे से गुजरेगी।
वर्सोवा-भाईंदर कोस्टल रोड की सबसे बड़ी खासियत ये होगी कि पूरा सफर सिग्नल-फ्री होगा। यानी रोजाना घंटों तक जाम में फंसने की परेशानी से मुंबइकरों को छुटकारा मिलेगा।
बीएमसी ने साफ कर दिया है कि अब देरी बर्दाश्त नहीं होगी। अगस्त 2025 में काम शुरू होना था लेकिन अनुमतियों की वजह से अटका रहा। अब आदेश है कि हर स्तर पर तेजी लाई जाए और दिसंबर 2028 तक प्रोजेक्ट हर हाल में पूरा किया जाए।
मुंबई के लोगों के लिए ये खबर किसी तोहफे से कम नहीं है। क्योंकि कोस्टल रोड बनने के बाद न सिर्फ सफर आसान होगा बल्कि शहर के पश्चिमी उपनगरों और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर भी ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा।