राज ठाकरे ने उद्धव ठाकरे से की मुलाकात (pic credit; social media)
Raj Thackeray visits Matoshree: राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता, बस वक्त बदलता है और उसके साथ रिश्ते भी। कुछ ऐसा ही महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों देखने को मिल रहा है। रविवार को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे अपने परिवार संग ‘मातोश्री’ पहुंचे और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे से करीब तीन घंटे तक मुलाकात की।
मुलाकात के बाद पूरे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इस मुलाकात को लेकर चर्चाएं हैं कि ठाकरे बंधु एक बार फिर साथ आने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक, दोनों के बीच आगामी निकाय चुनावों में गठबंधन को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। हालांकि राज ठाकरे ने मीडिया से कहा कि “यह पारिवारिक स्नेहभोज था, मेरी मां मेरे साथ थीं।”
लेकिन राजनीति में हर “स्नेहभोज” के पीछे कुछ ना कुछ पकता जरूर है। यह बीते तीन महीने में ठाकरे बंधुओं की छठी मुलाकात थी। पिछले रविवार को भी राज ठाकरे, उद्धव गुट के सांसद संजय राऊत के पोते के जन्मदिन समारोह में शामिल हुए थे। उससे पहले उद्धव ठाकरे ने खुद शिवतीर्थ निवास जाकर राज से मुलाकात की थी।
यूबीटी गुट के सांसद संजय राऊत पहले ही दावा कर चुके हैं कि राज्य की पांच मनपाओं में दोनों दलों के साथ आने की लगभग सहमति बन चुकी है। वहीं राज ठाकरे ने हाल ही में अपनी पार्टी के पदाधिकारियों से इस संभावित गठबंधन पर राय भी ली थी।
राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि ठाकरे परिवार के रिश्तों में फिर से गर्मजोशी लौट रही है। लगातार हो रही मुलाकातें सिर्फ ‘स्नेहभोज’ तक सीमित नहीं, बल्कि मराठी मतदाताओं को एकजुट करने की सियासी चाल भी हो सकती हैं।
फिलहाल आधिकारिक गठबंधन की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन ठाकरे बंधुओं की बढ़ती नजदीकियां इस बात का साफ इशारा दे रही हैं कि महाराष्ट्र की सियासत में जल्द ही कुछ बड़ा पकने वाला है।