लोकल टिकट के लिए QR कोड बंद (pic credit; social media)
Maharashtra News: पश्चिम रेलवे ने लोकल ट्रेनों में मोबाइल टिकटिंग के लिए उपलब्ध क्यूआर कोड सेवा बंद कर दी है। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस सुविधा का यात्रियों द्वारा गलत इस्तेमाल बढ़ने के कारण यह कदम उठाया गया है।
दरअसल, रेलवे ने 2016 में यात्रियों की सुविधा और समय बचाने के लिए यूटीएस मोबाइल ऐप शुरू किया था। इस ऐप के जरिए यात्री स्टेशन पर लगे क्यूआर कोड स्कैन कर पेपरलेस टिकट खरीद सकते थे। रोजाना लाखों यात्री इस सेवा का लाभ ले रहे थे। लेकिन धीरे-धीरे इसका दुरुपयोग बढ़ने लगा।
टिकट निरीक्षकों से मिली शिकायतों में सामने आया कि कई यात्री बिना टिकट यात्रा करते थे और जैसे ही टीसी ट्रेन में चेकिंग के लिए आता, वे इंटरनेट पर उपलब्ध कोड स्कैन कर तत्काल टिकट निकाल लेते थे। इस तरह जुर्माने और कार्रवाई से बचने का चलन आम हो गया।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक पश्चिम रेलवे के 30 स्टेशनों पर 100 से ज्यादा क्यूआर कोड लगाए गए थे, जिन्हें अब निष्क्रिय कर दिया गया है। वहीं, मध्य रेलवे ने भी इस सेवा को बंद करने के लिए रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव भेजा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि समस्या स्टैटिक यानी स्थिर क्यूआर कोड के कारण हुई। ये कोड एक बार जारी होने के बाद बदलते नहीं हैं और आसानी से कॉपी हो जाते हैं। इसलिए इन्हें इंटरनेट पर भी साझा किया जाने लगा। अब रेलवे इस व्यवस्था की जगह डायनैमिक क्यूआर कोड लाने पर विचार कर रहा है। डायनैमिक कोड लगातार बदलते रहते हैं और केवल तय समय के लिए ही मान्य होते हैं, जिससे दुरुपयोग की संभावना कम हो जाती है।
पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अभय सिंह ने बताया कि सभी स्टेशनों पर डिजिटल स्क्रीन के जरिए डायनैमिक क्यूआर कोड उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है।